ED को मिली हेमंत सोरेन की ‘आपत्तिजनक’ चैट्स, WhatsApp उगल रहा बड़े राज

ED finds Hemant Soren's 'objectionable' chats, WhatsApp is spilling big secrets
ED finds Hemant Soren's 'objectionable' chats, WhatsApp is spilling big secrets
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नई दिल्ली: जमीन घोटाला मामले में गिरफ्तार हुए झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। खबर है कि अब ED यानी प्रवर्तन निदेशालय ने कथित ट्रांसफर पोस्टिंग से सोरेन के तार जोड़ दिए हैं। साथ ही कहा है कि चैट्स के जरिए सरकारी रिकॉर्ड्स और कई अन्य संपत्तियों की जानकारी भी साझा की गई है। बुधवार को पांच दिनों की कस्टडी के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा नेता को विशेष अदालत में पेश किया गया था। एजेंसी ने अदालत को सूचित किया कि सोरेन को उनके और उनके करीबी सहयोगी बिनोद सिंह के बीच व्हाट्सऐप पर हुई चैट दिखाई गई। इसने दावा किया कि यह ‘अत्यधिक आपत्तिजनक थी और इसमें कई संपत्तियों का विवरण था तथा कई गोपनीय दस्तावेज थे।’

केंद्रीय जांच एजेंसी ने दावा किया कि इस चैट में ‘न केवल कई संपत्तियों के संबंध में गोपनीय जानकारी का आदान-प्रदान शामिल है, बल्कि स्थानांतरण और तैनाती, सरकारी रिकॉर्ड साझा करने आदि से संबंधित अन्य आपत्तिजनक जानकारी भी शामिल है, जिसमें बड़ी मात्रा में धन का लेनदेन किया गया प्रतीत होता है।’

ईडी ने दावा किया कि बिनोद सिंह ने अधिकारियों के स्थानांतरण और तैनाती के अलावा झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने वाले छात्रों के कई प्रवेश पत्र साझा करने के संबंध में कई अन्य व्यक्तियों के साथ भी व्हाट्सऐप चैट की थी। सोरेन और बिनोद सिंह के बीच व्हाट्सऐप पर हुई बातचीत की कुछ तस्वीरें पेश करते हुए ईडी ने कहा कि ये केवल कुछ नमूने हैं और ऐसी बातचीत 530 से अधिक पृष्ठों में है। ईडी ने सोरेन का रिमांड बढ़ाए जाने का अनुरोध करते हुए अदालत को बताया कि सोरेन ने 8.5 एकड़ की अचल संपत्ति से जुड़े सबूतों को बाधित करने में सत्ता का घोर दुरुपयोग किया।

हिरासत पांच दिन बढ़ाई
रांची की एक विशेष पीएमएलए अदालत ने कथित भूमि घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में सोरेन की ED हिरासत बुधवार को पांच दिन के लिए बढ़ा दी। यह जानकारी वकीलों ने दी। सोरेन की ओर से पेश महाधिवक्ता राजीव रंजन ने संवाददाताओं से कहा, ‘प्रवर्तन निदेशालय ने सात दिन की हिरासत का अनुरोध किया था, जिसका हमने यह कहते हुए विरोध किया कि और हिरासत की जरूरत नहीं है क्योंकि उनसे पहले ही 20 जनवरी को आठ घंटे और 31 जनवरी को भी आठ घंटे की पूछताछ की जा चुकी है।’

उन्होंने कहा कि इसके अलावा उनसे पांच दिनों में 120 घंटे की पूछताछ हो चुकी है। महाधिवक्ता ने कहा, ‘इसलिए, और हिरासत की कोई आवश्यकता नहीं है लेकिन उन्होंने जांच के इस दायरे को अपराध के मामले से परे विस्तारित करने की कोशिश की है। हम कहते रहे हैं कि उनके (ईडी) पास अपराध से परे किसी भी चीज की जांच करने की शक्ति और अधिकार क्षेत्र नहीं है।’

उन्होंने कहा कि अधिसूचित अपराध में शामिल 8.5 एकड़ जमीन के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा, ‘आज की याचिका में, उन्होंने (ईडी) कुछ अन्य ‘चैट’ का उपयोग किया है, जिनका वर्तमान भूमि सौदे से कोई लेना-देना नहीं है, जिसमें उन्हें गिरफ्तार किया गया है… वे आगामी (लोकसभा) चुनाव के मद्देनजर उन्हें हिरासत में रखना चाहते हैं।’

महाधिवक्ता ने दावा किया कि पूर्व मुख्यमंत्री सोरेन को तहखाने में एक कमरे में रखा गया है जहां खिड़कियां नहीं होने के कारण सूरज की रोशनी भी नहीं पहुंचती है। महाधिवक्ता ने कहा कि उन्होंने अदालत को बताया है कि उस तहखाने के कमरे में एक पाइप के माध्यम से हवा भी आती है और सोते समय भी सोरेन पर सशस्त्र गार्ड द्वारा लगातार निगरानी रखी जाती है।