नई दिल्ली। Election Battle: चुनाव की घोषणा के बाद से आठ मई तक पीएम मोदी 103 रैलियां कर चुके हैं। इनमें से मार्च में 9, अप्रैल में 68 और मई में 26 रैलियां हैं। दिनभर में औसतन तीन रैलियां करते हुए पीएम मोदी ने मार्च से अब तक क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मीडिया के तमाम चैनल, पत्र-पत्रिकाओं को 24 साक्षात्कार दिए हैं।
आम चुनाव की लड़ाई एक तरह से दो चेहरों पर ही केंद्रित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी। चुनाव की शुरुआत भी इसी विमर्श के साथ हुई थी कि पीएम मोदी लगातार तीसरी बार सरकार बनाएंगे या विपक्षी गठबंधन कुछ कमाल दिखाएगा। जीत को लेकर भाजपा या एनडीए खेमे के अपने अनुमान थे और विपक्ष के अपने। सभी की नजरें इन्हीं दोनों पर टिकी हैं। जीत के लिए दोनों खूब मशक्कत कर रहे हैं, मगर देखना दिलचस्प होगा कि कौन कितनी रैलियां कर रहा है, साक्षात्कार दे रहा है…कितना पसीना बहा रहा है, कितना आक्रामक प्रचार कर रहा है।
चुनाव की घोषणा के बाद से आठ मई तक पीएम मोदी 103 रैलियां कर चुके हैं। इनमें से मार्च में 9, अप्रैल में 68 और मई में 26 रैलियां हैं। दिनभर में औसतन तीन रैलियां करते हुए पीएम मोदी ने मार्च से अब तक क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मीडिया के तमाम चैनल, पत्र-पत्रिकाओं को 24 साक्षात्कार दिए हैं। इतना ही नहीं, इस दौरान उन्होंने 21 रोड शो भी किए हैं। इसके अलावा सैकड़ों मंदिरों और गुरुद्वारों के दर्शन किए हैं। प्रतिष्ठित लोगों और आम नागरिकों से मुलाकात की है।
वहीं, राहुल गांधी चुनावों के एलान तक न्याय यात्रा कर रहे थे, जो 17 मार्च को खत्म हुई। 18 मार्च से 8 मई तक राहुल ने 39 जनसभाओं को संबोधित किया। इनमें से मार्च में एक, अप्रैल में 29 और मई में 10 शामिल हैं। दिलचस्प यह कि इनमें कई रैलियां ऐसी जगहों पर हुईं, जो कांग्रेस की रणनीति पर सवाल खड़ी करती हैं। मसलन सातवें दौर की ऐसी सीट, जहां कांग्रेस लड़ाई में भी नहीं है, वहां राहुल तीसरे चरण में प्रचार करते दिखे। इसके अलावा गठबंधन के साथियों के साथ कुछ प्रेस वार्ताएं जरूर हुई हैं, जिसकी जानकारी भी उनके आईटी सेल व सोशल मीडिया के जरिये दी जाती है। इसके अलावा उनके आईटी सेल की तरफ से उनके शतरंज कौशल के बारे में बताया जा रहा है। पर, मुख्यधारा के मीडिया को कोई साक्षात्कार नहीं दिया है।
पीएम ने विपक्ष के आरोपों पर दिए जवाब, राहुल ने भाजपा के सवालों पर साधी चुप्पी
पीएम मोदी ने 24 साक्षात्कारों में उन तमाम सवालों के जवाब दिए हैं, जिन्हें विपक्ष की तरफ से उनके खिलाफ उठाया जाता है। इनमें चुनावी बॉन्ड से लेकर एनडीए के सहयोगी जदएस के उम्मीदवार प्रज्वल रेवन्ना तक का सवाल शामिल है। पीएम ने उन आरोपों पर भी जवाब दिया है, जिसमें वे कहते हैं कि कांग्रेस मुस्लिमों को आरक्षण देगी। ईडी-सीबीआई जैसी एजेंसियों के दुरुपयोग के आरोपों पर भी जवाब दे चुके हैं। संविधान बदलने व आरक्षण खत्म करने के आरोपों के अलावा तानाशाही पर भी जवाब दे चुके हैं। वहीं, राहुल ने अब तक कोई साक्षात्कार नहीं दिया है। वे स्टूडियो में शूट व संपादित किए गए वीडियो जारी कर रहे हैं। इसके अलावा उन पर स्क्रिप्टेड प्रेस कॉन्फ्रेंस के भी आरोप लगे हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवाल पूछने पर भाजपा का सवाल और तुम्हारा मालिक कौन…जैसे उनके बयान चर्चा में रहे हैं।
भाजपा बार-बार राहुल और कांग्रेस से पूछ रही है कि क्या वे पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के उस फॉर्मूले को नकारते हैं कि संसाधनों पर मुसलमानों का पहला अधिकार है। धन पुनर्वितरण, विरासत कर के आरोपों पर भी चुप हैं। सैम पित्रोदा की नस्लवादी टिप्पणी, प्रज्वल मामले में कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के कार्रवाई न करने जैसे सवालों से भी बच रहे हैं। विदेशी दौरों और वहां हुए सौदों को लेकर, राममंदिर के दर्शन न करने व दर्शन करने वालों के बहिष्कार जैसे सवालों का जवाब भी नहीं दे रहे हैं।