यूपी में अंग्रेजी शराब हुई महंगी, जानकर शराबियों को लगेगा झटका

English liquor becomes expensive in UP, knowing that alcoholics will be shocked
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) गुरुवार से अंग्रेजी शराब का 90 एमएल पैक (बच्चा बोतल) 10 से लेकर 40 रुपये तक महंगा (UP Liquor Price Hike) हो जाएगा। ऐसा इस पैक पर विशेष अतिरिक्त कंसीडरेशन फीस लगाए जाने के कारण होगा। अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि रेग्युलर और प्रीमियर ब्रैंड के 90 एमएल वाले पैक पर 10 रुपये, सुपर प्रीमियर ब्रैंड पर 30 व आयातित ब्रैंड पर 40 रुपये शुल्क लगाया गया है। बाकी पैकों पर पहले से अतिरिक्त प्रतिफल शुल्क लग रहा है।

प्रदेश में पहली बार विदेशी शराब के बच्चा पैक पर अतिरिक्त शुल्क नहीं लगया जा रहा है। पिछले साल भी कोरोना सेस लगाया गया था। पहली बार बिक्री होने वाली शराब पर भी कोरोना सेस लगाया गया था। एक अप्रैल 2021 से यह सेस लगाया गया था। इस कारण विशेष पैक के दाम 10 से 40 रुपये तक बढ़ गए थे। असल में सरकार ने आबकारी नीति 2021-22 में संशोधन करते हुए शराब पर कोविड सेस लागू किया था। कोरोना महामारी की दूसरी लहर से लड़ने के लिए राजस्व बढ़ाने के मकसद से ये कदम उठाया गया। अब एक बार फिर प्रदेश में बिकने वाली 90 एमएल बोतल वाली शराब पर अतिरिक्त शुल्क लगाने का निर्णय लिया गया।

राज्य सरकार के आदेश के बाद रेगुलर और प्रीमियम ब्रांड की 90 एमएल की अंग्रेजी शराब की बोतल पर 10 रुपये, सुपर प्रीमियम की 90 एमएल की बोतल पर 20 रुपये, स्कॉच पर 30 रुपये और विदेश से आयातित अंग्रेजी शराब की 90 एमएल की बोतल पर 40 रुपये की वृद्धि हो रही है। शराब की दुकानों पर गुरुवार से लोगों को बढ़ी हुई कीमत पर शराब की खरीद करनी पड़ेगी।

बीयर विक्रेताओं को राहत
आबकारी विभाग ने अपनी नीति में बीयर विक्रेताओं को राहत देने वाला संशोधन किया है। अब तक तक बीयर की दुकानों का त्रैमासिक कोटा पूरे साल के कोटे का एक चौथाई यानी 25 फीसदी होता था। जबकि, बीयर की खपत हर महीने में एक समान नहीं होती। इसे ध्यान में रखते हुए आबकारी विभाग ने त्रैमासिक राजस्व कोटे को बिक्री के हिसाब से कम और ज्यादा किया है।

संशोधन के बाद अब बीयर विक्रेताओं को पहली त्रैमास (अप्रैल, मई और जून) में साल के लिए तय राजस्व के कोटे का 35 फीसदी, दूसरे त्रैमास (जुलाई, अगस्त और सितंबर) में 25 फीसदी, तीसरे त्रैमास (अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर) में 20 फीसदी और आखिरी त्रैमास (जनवरी, फरवरी और मार्च) में 20 फीसदी ही जमा करना होगा। इसके साथ ही आबकारी विभाग ने डिस्टलरियों को देशी शराब की बोतल के कैप्स पर श्रिंक कैप के प्रयोग की तैयारी के लिए छह महीने की छूट दी है।