जिनपिंग के तीसरे राज्याभिषेक से पहले चीन में असाधारण प्रदर्शन, ‘तानाशाह हटाओ’ के नारे

Extraordinary performance in China ahead of Jinping's third coronation, 'Remove the dictator' slogans
Extraordinary performance in China ahead of Jinping's third coronation, 'Remove the dictator' slogans
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CPC General Meeting for Next President Selection: चीन (China) के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) जल्द ही तानाशाह की भूमिका में नजर आ सकते हैं. सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 16 अक्टूबर को बीजिंग (Beijing) में राष्ट्रीय कांग्रेस की बैठक होनी है. जिसमें शी जिनपिंग के लगातार तीसरी बार ताजपोशी होने की उम्मीद है. पांच साल में एक बार होने वाली इस अहम बैठक से पहले चीन में शी जिनपिंग के खिलाफ सड़क पर टांगे गए कई बैनरों ने सत्तारूढ़ नेताओं को डरा दिया है. चीन की पुलिस बैनर लगाने वाले लोगों को को ढूंढ़ रही है लेकिन अभी तक वे उनके हत्थे नहीं चढ़ पाए हैं.

बीजिंग में लगे जिनपिंग विरोधी बैनर

रिपोर्ट के मुताबिक चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की बैठक से पहले सोशल मीडिया पर बीजिंग (Beijing) के हैदिआन जिले की एक तस्वीर वायरल हो रही है. इसमें सड़क के ऊपर से गुजर रहे फ्लाईओवर पर मंदारिन भाषा में शी जिनपिंग के खिलाफ बैनर टांगा गया है. जिसमें शी जिनपिंग (Xi Jinping) को तानाशाह बताते हुए जनता को उनके खिलाफ सड़कों पर उतरने की अपील की गई है. बैनर पर लिखा है, ‘शी जिनपिंग तानाशाह हैं. उनसे आजादी के लिए लोग सड़कों पर उतरें.’ एक बैनर पर लिखा है, ‘हम सांस्‍कृतिक क्रांति नहीं, सुधार चाहते हैं. हमें कोरोना टेस्ट नहीं बल्कि खाना चाहिए.’

चीन में 1949 से ही कम्युनिस्ट शासन

ऐसा ही एक बैनर बीजिंग (Beijing) की झोनग्‍गुआकून यूनिवर्सिटी इलाके में भी लगाया गया है. चीन में वर्ष 1949 की कम्युनिस्ट क्रांति के बाद से ही चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का शासन है. वहां पर लोकतंत्र नहीं है और एक ही पार्टी से बारी-बारी से राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री बनते रहते हैं. वहां पर राष्ट्रपति के अभी तक 5-5 साल के अधिकतम 2 टर्म की सीमा तय थी. लेकिन शी जिनपिंग (Xi Jinping) के संकेत पर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने पिछली बैठक में वह शर्त हटा दी थी. जिसके चलते अब शी जिनपिंग के आजीवन इस पद पर बने रहने का रास्ता साफ हो गया है.

जून से अब तक 14 लाख लोग गिरफ्तार

अपनी तीसरी ताजपोशी के वक्त विरोध के सुर उठने की आशंका राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) को पहले से ही थी. इसलिए जून से ही विशेष अभियान शुरू करके असंतुष्टों को गिरफ्तार करने का सिलसिला शुरू कर दिया गया था. अब तक 14 लाख से ज्यादा लोग अरेस्ट करके जेलों में ठूंसे जा चुके हैं. इसके बावजूद चीन की राजधानी बीजिंग (Beijing) में जिनपिंग के विरोध में बैनरों का लगना बताता है कि वहां पर सीपीसी के खिलाफ विरोध की जड़ें कितनी गहरी हैं.

राजधानी में हजारों पुलिसकर्मियों की हुई तैनाती

हालात पर काबू पाने के लिए चीनी सरकार ने बीजिंग (Beijing) को किले के रूप में बदल दिया है. दूसरे राज्यों से हजारों की संख्या में पुलिसकर्मी बीजिंग बुलाए गए हैं. बीजिंग आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की कड़ाई से जांच की जा रही है. ट्रेन में यात्रा करने वाले लोगों को लिक्विड लेकर सफर करने की मनाही की जा रही है. जो लोग लिक्विड के साथ यात्रा करते पाए जा रहे हैं, उन्हें सुरक्षाकर्मियों के सामने ही उसे पीने के लिए मजबूर किया जा रहा है. बीजिंग के जिस ग्रेट हाल ऑफ द पीपुल में बैठक होनी है, उसके आसपास सेना की तैनाती की गई है.