अभी अभीः किसान नेताओं की बैठक, अंदर से आई ये बडी खबर, खत्म होगा आंदोलन!

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नई दिल्ली। आज संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक हो रही है। इस बैठक में कई वरिष्ठ किसान नेता शामिल होने पहुंचे हैं। इस बीच खबर है कि किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी समेत 5 संगठनों के प्रतिनिधि कल हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्‌टर से मिले थे, जिसमें मुकदमें वापस लेने पर सहमति बन गई है। इससे उम्मीद लगाई जा रही है कि अब किसान नेता बैठक के बाद आंदोलन वापस लेने का ऐलान कर सकते है।

बैठक के बारे में बताते हुए भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि, हमारी आज की बैठक में हम किसान आंदोलन को आगे बढ़ाने की रणनीति पर चर्चा कर रहे हैं। आंदोलन कैसे आगे बढ़ेगा और सरकार बातचीत करेगी तो हमें कैसे बातचीत करनी है, इस पर आपस में बतिया रहे हैं। टिकैत ने कल हरियाणा में हुई मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर एवं अधिकारियों से कुछ किसान नेताओं की बातचीत पर भी बयान दिया।

राकेश टिकैत ने कहा कि, किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी समेत 5 संगठनों के प्रतिनिधि कल हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्‌टर से मिले थे। उनकी चंडीगढ़ में ब्ड हाउस मीटिंग हुई। उसमें किसान आंदोलन के दौरान दर्ज हुए मुकदमों को वापस लेने को लेकर चर्चा हुई। दोनों पक्षों के बीच प्रदर्शन से संबंधित मामलों को वापस लेने पर सहमति बनी, परन्तु मुआवजे पर सहमति नहीं बनी। भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि, अब हम अपनी आगे की रणनीति पर चर्चा कर रहे हैं।

गुरनाम सिंह चढूनी बोले- हमारी सहमति नहीं बनी
वहीं, मुख्यमंत्री के साथ बैठक के बारे में बात करते हुए हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि, बातचीत के बाद हमारी सहमति नहीं बन पाई। उन्होंने कहा, ’’हमें सरकार की तरफ से संतोषजनक जवाब नहीं मिला। अब अगला फैसला संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में लिया जाएगा।’ उन्होंने कहा कि, उम्मीद है किसान नेताओं के बीच अच्छी चर्चा होगी।

सरकार किसानों की बैठक का इंतजार कर रही
जानकारों के मुताबिक, सरकार भी आज यानी कि 4 दिसम्बर को होने वाली किसानों की बैठक का इंतजार कर रही है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रकाश पर्व के दिन तीन कृषि कानून को वापस लेने का ऐलान किया था। उसके कुछ दिन बाद दोनों सदनों से उक्त कानूनों को रद्द करने वाला बिल पास होने के बाद राष्ट्रपति ने भी दस्तखत कर दिए। हालांकि, फसलों के लिए एमएसपी, किसानों पर दर्ज मुकदमे, मृतक किसानों को मुआवजे समेत कई मांगों को लेकर किसानों का आंदोलन जारी है। वे अपना आंदोलन समाप्त नहीं कर रहे हैं।