चंडीगढ़. एमएसपी की कानूनी गारंटी पर रविवार को चंडीगढ़ में किसान नेताओं और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच चौथे दौर की बैठक हुई। इसमें केंद्र सरकार चार और फसलों पर एमएसपी देने को तैयार हो गई है। केंद्र के इस प्रस्ताव पर बैठक में मौजूद किसान नेताओं ने कहा कि वह सभी संगठनों से बात कर आज इस पर अंतिम फैसला बताएंगे। वहीं हरियाणा के बॉर्डर पर किसान डटे हुए हैं।
उन्होंने बची हुई मांगों पर भी सरकार से जवाब मांगा। साथ ही उन्होंने कहा कि हम बैठक में पहले पहुंच जाते हैं और सरकार के नुमाइंदे तीन-तीन घंटे देरी से आ रहे हैं, जिससे उनकी गंभीरता दिखती है।
उन्होंने कहा सरकार 23 फसलों पर एमएसपी की गारंटी अभी दे और बाद में जो फसलें बचेंगी उनपर भी स्टडी करके गारंटी दे।
किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने बताया कि किसानों ने प्रस्ताव को रद्द कर दिया है। वहीं पंढेर ने कहा कि सरकार की नियत में खोट है।
किसान नेताओं ने सरकार पर सवाल उठाए हैं। वहीं हरियाणा में एक दिन और इंटरनेट पर पाबंदी बढ़ा दी गई है।
शंभू बॉर्डर पर किसानों की प्रेस वार्ता में किसा नेता डल्लेवाल ने कहा कि सरकार के प्रस्ताव में स्पष्टता नहीं है। किसान नेताओं ने 23 फसलों पर एमएसपी की मांग की है और सरकार की मंशा पर शंका जाहिर की है।
वहीं किसानों ने खनौरी बॉर्डर पर मीटिंग की और अब शंभू बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं। इसमें महत्वपूर्ण फैसला लिया जा सकता है। किसानों के मुद्दे पर कैप्टन अमरिंदर सिंह पीएम मोदी से मिले हैं। उन्होंने जल्द समाधान की उम्मीद जताई है।
21 को होगा दिल्ली कूच
राजस्थान के ग्रामीण किसान मजदूर समिति के मीडिया प्रभारी रणजीत राजू ने बताया कि सरकार के प्रस्ताव पर किसानों की सहमति नहीं बन सकी है। सभी फोरमों में बात करने के बाद अब किसान नेताओं ने फैसला लिया है कि 21 फरवरी को दिल्ली के लिए कूच करेंगे। किसान नेताओं ने कहा कि सरकार लाठियां भांजेगी तो खाएंगे, गोले दागेंगे तो उसका भी सामना करेंगे। सरकार अपने प्रस्ताव के जरिए सिर्फ हरियाणा पंजाब के किसानों को देख रही है जबकि आंदोलन देशभर के किसानों की विभिन्न फसलों के लिए है। वहीं धान पर सरकार एमएसपी देने के लिए राजी हुई है मगर पैदावार अपने हिसाब से कराना चाहती है। यह किसानों को मंजूर नहीं है। भाकियू शहीद भगत सिहं के किसान नेता जय सिंह जलबेड़ा ने भी इसकी पुष्टि की है। किसानों ने सरकार को 20 फरवरी तक का समय दिया है।
तिलहन और बाजरा को भी शामिल करने की मांग
भाकियू चढ़ूनी के नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि 21 फरवरी तक का समय है। सरकार को सोचना और समझना चाहिए कि तिलहन और बाजरा खरीद के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. जैसे उन्होंने दालों, मक्का और कपास का उल्लेख किया, उन्हें इन दोनों फसलों को भी शामिल करना चाहिए। अगर इन दोनों को शामिल नहीं किया गया तो हमें इस बारे में फिर से सोचना होगा…कल हमने फैसला लिया कि अगर 21 फरवरी तक सरकार नहीं मानी तो हरियाणा भी आंदोलन में शामिल होगा।
बातचीत में हरियाणा के सीएम को भी शामिल करने की मांग
भाकियू चढ़ूनी के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने मांग की कि आंदोलनरत किसानों के साथ सरकार की वार्ता में हरियाणा के मुख्यमंत्री भी शामिल हों। उनके शामिल न होने पर हरियाणा के किसानों की मांगों की अनदेखी की आशंका हो रही है। चढूनी ने कहा कि जब पंजाब के मुख्यमंत्री वार्ता में शामिल हैं तो हरियाणा के मुख्यमंत्री क्यों नहीं। हरियाणा के किसानों की भी मांगें पंजाब की तर्ज पर पूरी हों, अन्यथा यहां के किसान भी पीछे नहीं रहेंगे। यह पहले ही किसानों ने दिखा दिया है। एक दिन टोल फ्री तो एक दिन ट्रैक्टर मार्च निकाला। रविवार को ब्रह्मसरोवर पर बैठक कर रणनीति बनाई गई और अब हरियाणा के किसानों के हितों की अनदेखी हुई तो तत्काल आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा। 21 फरवरी तक इंतजार किया जाएगा।
होमगार्ड जवान को तेज रफ्तार कार ने कुचला
मुक्तसर में दिल्ली-फाजिल्का राष्ट्रीय राज्य मार्ग टोल प्लाजा गांव माहूआणा पर रविवार की देर शाम किसानों की ओर से लगाए गए धरने के दौरान ड्यूटी पर तैनात होमगार्ड के जवान को तेज रफ्तार कार ने कुचल दिया। हादसे में होमगार्ड जवान की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई।
पटियाला में धरने पर बैठे किसान की मौत
पटियाला में कैप्टन अमरिंदर के घर के बाहर दो दिन से प्रदर्शन कर रहे एक किसान की मौत हो गई है। आंदोलन में ये तीसरे किसान की मौत है। इसके अलावा शंभू बॉर्डर पर तैनात एक एसआई की भी मौत हो चुकी है।
हम केंद्र के प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे-पंधेर
एमएसपी पर दालें, मक्का खरीदने के केंद्र के पांच साल के प्रस्ताव पर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि केंद्रीय मंत्रियों ने अपना प्रस्ताव देश के सामने रखा है। हम इस पर चर्चा करेंगे। कल खनौरी में एक किसान की जान चली गई। हमारा नेतृत्व वहां जा रहा है।