स्कूल बदलने पर नहीं देनी होगी फीस, हरियाणा सरकार ने पलटा शिक्षा बोर्ड का फैसला

Fees will not have to be paid for changing school, Haryana government reverses the decision of education board
Fees will not have to be paid for changing school, Haryana government reverses the decision of education board
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चंडीगढ़: हरियाणा में दसवीं और 12वीं क्लास के छात्रों को स्कूल बदलने के लिए लीविंग फीस नहीं देनी होगी। हरियाणा शिक्षा बोर्ड के फैसले को प्रदेश सरकार ने पलट दिया है। हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल की अध्यक्षता में बुधवार को चंडीगढ़ में शिक्षा विभाग के अधिकारियों की एक बैठक की गई। शिक्षा मंत्री ने बताया कि शिक्षा बोर्ड ने स्कूल बदलने पर छात्रों से तीन हजार रुपये फीस लेने का फैसला किया था। बैठक में कई तरह की शर्तों पर विचार करते हुए फीस लिए जाने वाले फैसले को खत्म कर दिया गया है। अब किसी भी छात्र को स्कूल छोड़ते समय केवल मार्कशीट, एसएलसी तथा अंडरटेकिंग ही अपलोड करनी होगी। इसके बाद छात्र को स्कूल बदलने की मंजूरी मिल जाएगी।

प्राइवेट स्कूली टीचर्स को भी मिलेंगे राज्य स्तरीय पुरस्कार
शिक्षा मंत्री ने बताया कि बैठक में यह बात सामने आई है कि प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में नए स्कूल खोलने की जरूरत है। विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे जल्द से जल्द एक सर्वे करवाएं। जिसके आधार पर सरकार प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में नए स्कूल खोलने का फैसला करेगी। शिक्षा मंत्री ने बताया कि आमतौर पर सरकारी स्कूलों के अध्यापकों को हर साल अध्यापक दिवस के अवसर पर राज्य स्तरीय अवार्ड दिए जाने का चलन है। अब सरकार ने शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के अध्यापकों के लिए भी स्टेट अवार्ड की योजना शुरू करने का फैसला लिया है। इसके लिए विभागीय अधिकारियों को ड्राफ्ट तैयार करके रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी स्कूलों में पर्यावरण जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और वन विभाग के माध्यम से बच्चों को पुरस्कृत भी करवाया जाएगा।

कंडम घोषित होंगी जर्जर इमारतें
शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने बताया कि आज की बैठक में स्कूली इमारतों को लेकर भी रिपोर्ट पेश की गई है। प्रदेश के कई स्कूलों की इमारतें खस्ता हालत में हैं। प्रदेश में 68 में से 32 स्कूली इमारतों का मरम्मत कार्य इस समय चल रहा है। अन्य इमारतों के लिए बजट बनाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इसके बाद विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह सर्वे करवाकर इमारतों की जांच करें। जो इमारतें खस्ताहाल हो चुकी हैं उन्हें कंडम घोषित किया जाए।