नई आबकारी नीति लागू होने के बाद प्रदेश में कंट्री मेड शराब की कीमतों में पांच रुपये की कमी आएगी। आबकारी आयुक्त सेंथिल पांडियन सी. ने इसका दावा किया है। उन्होंने बताया कि कंट्री मेड शराब को चार श्रेणियों में बांटा गया है। पहले नौ श्रेणियां थीं, जिनके दाम भी अलग-अलग थे। शराब की कीमतों में कमी लाने का सबसे बड़ा कारण यूपी में ग्रेन अल्कोहल को बढ़ावा देने की नीति है। इससे प्रदेश की दूसरे राज्यों पर निर्भरता खत्म हुई है और राजस्व का भी फायदा मिल रहा है।
आबकारी आयुक्त के मुताबिक राज्य सरकार शीरे वाली शराब की जगह ग्रेन (अनाज) वाली शराब को बढ़ावा दे रही है। दुनियाभर में ग्रेन अल्कोहल को सबसे ज्यादा गुणवत्ता युक्त माना जाता है। पहले इसको पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों से आयात करना पड़ता था। अब इसका निर्माण प्रदेश में हो रहा है। ऐसे में आयात शुल्क बचने के साथ जीएसटी में भी कमी होगी। ग्रेन अल्कोहल और यूपीएमल की 42.8 डिग्री वाली मदिरा पहले जहां 90 रुपए की मिलती थी, उसके दाम घटकर 85 रुपए हो जाएंगे। वहीं यूपीएमएल की शराब में 36 डिग्री वाली मदिरा नई श्रेणी के रूप में जोड़ी गई है, जिसकी कीमत 75 रुपए रखी गई है। शीरे वाली शराब को भी केवल दो श्रेणी में रखा गया है। इसमें 25 डिग्री की कीमत 50 रुपए और 36 डिग्री की कीमत 70 रुपए है। इनकी दरों में भी कोई बदलाव नहीं हुआ है।
टॉप ब्रांड स्थापित कर सकेंगे यूपी में फ्रेंचाइजी
उन्होंने बताया कि नई नीति के तहत दुनिया भर के टॉप ब्रांड यूपी की डिस्टलरीज के साथ फ्रेंचाइजी स्थापित कर सकेंगे। प्रदेश में अगर किसी ब्रांड की डिमांड बढ़ती है एवं डिस्टलरी की क्षमता खत्म हो गई हो, तब एक साल के लिए उन्हें दोगुना लाइसेंस फीस के साथ बाहर से मदिरा खरीद कर बॉटलिंग बढ़ाने की अनुमति दी जाएगी। इससे राजस्व बढ़ने के साथ नई डिस्टलरी लगाने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।