पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज पर सरकार का शिकंजा, चीन से रिश्तों पर शुरू हुई जांच

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वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड की सहायक कंपनी पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज लिमिटेड (पीपीएसएल) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. अब भारत सरकार ने कंपनी के चीन से रिश्तों पर जांच शुरू कर दी है. जी हां, सरकार अब कंपनी में चीन के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की जांच करने में जुट गई है. पीपीएसएल ने नवंबर 2020 में भुगतान एग्रीगेटर के रूप में काम करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पास लाइसेंस के लिए आवेदन किया था.

आरबीआई ने आवेदन किया था खारिज
आरबीआई ने हालांकि नवंबर 2022 में पीपीएसएल के आवेदन को खारिज कर दिया और कंपनी को इसे फिर से जमा करने के लिए कहा, ताकि एफडीआई नियमों के तहत प्रेस नोट तीन का अनुपालन किया जा सके. वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (ओसीएल) में चीनी फर्म एंट ग्रुप कंपनी का निवेश है. इसके बाद, कंपनी ने एफडीआई गाइडलाइंस के तहत निर्धारित प्रेस नोट तीन का अनुपालन करने के लिए ओसीएल से कंपनी में पिछले निवेश के लिए भारत सरकार के साथ 14 दिसंबर, 2022 को आवश्यक आवेदन दायर किया.

मंजूरी लेना किया था अनिवार्य
सूत्रों ने कहा कि एक इंटर मिनिस्ट्रियल कमेटी पीपीएसएल में चीन से निवेश की जांच कर रही है और उचित विचार तथा व्यापक जांच के बाद एफडीआई मुद्दे पर निर्णय लिया जाएगा. प्रेस नोट तीन के तहत, सरकार ने भारत के साथ भूमि सीमा साझा करने वाले देशों से किसी भी क्षेत्र में विदेशी निवेश से पहले उसकी मंजूरी लेना अनिवार्य कर दिया था. इस कदम का मकसद कोविड-19 महामारी के बाद घरेलू कंपनियों के अवसरवादी अधिग्रहण को रोकना था.

पेटीएम के प्रवक्ता का बयान
पेटीएम के प्रवक्ता ने संपर्क करने पर कहा कि पीपीएसएल ने ऑनलाइन व्यापारियों के लिए एक ऑनलाइन भुगतान एग्रीगेटर (पीए) का आवेदन किया था. नियामक ने बाद में पीपीएसएल को पिछले निवेश के लिए आवश्यक मंजूरी लेने और आवेदन को फिर से जमा करने को कहा था. प्रवक्ता ने कहा, ”भुगतान एग्रीगेटर लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले हर व्यक्ति को एफडीआई मंजूरी लेनी होती है, और यह नियमित प्रक्रिया का हिस्सा है. प्रवक्ता ने कहा कि पीपीएसएल ने प्रासंगिक दिशानिर्देशों का पालन किया और निर्धारित समय के भीतर सभी जरूरी दस्तावेज नियामक को सौंप दिए.