शिमला: हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhvinder Singh Sukhu) ने यहां कहा कि प्रदेश सरकार जरूरतमंद बच्चों विशेषकर अनाथ बच्चों, निराश्रित महिलाओं और वृद्ध जनों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करने के पहले दिन ही उन्होंने शिमला में बालिका देखभाल संस्था, टूटीकंडी का दौरा कर इस संस्थान से संबंधित विभाग की कार्य प्रणाली को जाना. साथ ही नारी सेवा सदन और वृद्ध आश्रम मशोबरा का भी निरीक्षण किया.
उन्होंने महसूस किया कि बेसहारा बच्चों, निराश्रित महिलाओं एवं वृद्धजनों के लिए अभी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है. जिन बच्चों के मां-बाप नहीं, उनके लिए सरकार ही माता-पिता हैं. संस्थागत देखभाल के लिए बाल देखभाल संस्थाओं, नारी सेवा सदन, शक्ति सदन और वृद्ध आश्रमों में रह रहे आवासियों को मुख्य त्योहार मनाने के लिए 500 रुपये का उत्सव अनुदान प्रदान करने की अधिसूचना पहले ही जारी की जा चुकी है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘प्रदेश सरकार 101 करोड़ रुपये की धनराशि से मुख्यमंत्री सुखाश्रय सहायता कोष स्थापित करेगी’ ताकि जरूरतमंद बच्चों एवं निराश्रित महिलाओं को उच्च शिक्षा प्रदान की जा सके. उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग कॉलेजों, आईआईआईटी, एनआईटी, आईआईटी, आईआईएम, पॉलिटैक्निक संस्थानों, नर्सिंग एवं डिग्री कॉलेजों आदि में ऐसे बच्चों की उच्च शिक्षा और व्यावसायिक कौशल विकास शिक्षा पर होने वाले व्यय को प्रदेश सरकार वहन करेगी. आवश्यकता के अनुसार जेब खर्च के लिए भी आर्थिक सहायता दी जाएगी, ताकि ये बच्चे सम्मानपूर्वक जीवन व्यतीत कर सकें. उन्होंने कहा कि यह कोई करुणा नहीं बल्कि उनका प्रदेश सरकार पर अधिकार है. इस कोष से सहायता प्राप्त करना सरकारी बंधनों से मुक्त होगा और इनसे कोई आय प्रमाण-पत्र भी नहीं लिया जाएगा. साधारण आवेदन पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संपूर्ण सहायता त्वरित रूप से सीधे लाभार्थी के खाते में दी जाएगी.