51 साल से चल रहा हरियाणा-यूपी का सुलझेगा सीमा विवाद, 5 जुलाई को हाई कोर्ट करेगा फैसला

Haryana-UP border dispute going on for 51 years will be resolved, High Court will decide on July 5
Haryana-UP border dispute going on for 51 years will be resolved, High Court will decide on July 5
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चंडीगढ़: हरियाणा-यूपी के बीच 51 साल चल रहा सीमा विवाद सुलझने के कगार पर आ गया है। इसे लेकर दोनों राज्यों के राजस्व अधिकारी पैमाइश कर रहे है। जिसे लेकर 5 जुलाई को हाई कोर्ट में इसका फैसला होगा। वहीं 1975 में दीक्षित अवार्ड के तहत लगाए पिलरों की पहचान और पैमाइश करने कर दोबारा सीमा तय होने के बाद लगाए जाएंगे। इस विवाद को निपटने से हरियाणा के यमुनानगर,करनाल,पानीपत,सोनीपत, फरीदाबाद पलवल और यूपी के गाजियाबाद,ग्रेटर नोएडा, शामली,बागपत समेत 146 गांवों को राहत मिलेगी।

बता दें कि यह पूरा मामला यमुना किनारे 9,265 एकड़ जमीन का है। जिसे लेकर लेकर 6725 बार बैठकें हो चुकी है। साथ ही कई बार हिंसक झड़प भी हो चुकी हैं। जिसमें 24 लोगों की जान गई और 1400 लोग जख्मी हुए। इस मामले को लेकर 2 हजार से अधिक केस कोर्ट में है। साल 2019 में तय हुआ था कि पिलर लगा दिए जाए, लेकिन नहीं लगाया गया। हरियाणा की तरफ से पैमाइश हो चुकी है। यूपी की तरफ से पैमाइश हो रही है। वहीं पानीपत के तामशाबाद में हाईकोर्ट के आदेश के बाद 26 पिलर लगाए जा रहे हैं।

विवाद का क्या है वजह?
सीमा से जुड़े असली विवाद अवैध खनन का है। इससे यमुना की धार बदलती रहती है। वह कभी हरियाणा तो कभी यूपी की तरफ चली जाती है,जिससे यूपी की जमीन हरियाणा में चली जाती है। जिसे किसान कब्जा कर लेते है और दोनों राज्यों के लोग अपनी जमीन होने का दावा करते है,जिससे विवाद छिड़ जाता है। वहीं अवैध खनन के चलते सरकार को हर साल 5 करोड़ का राजस्व का नुकसान होता है। अब इस मामले की सुनवाई के बाद दोनों राज्यों का विवाद खत्म हो जाएगा।