हरियाणा का जवान सिक्किम में शहीद, पूरे गांव में नहीं जला चूल्हा, 1 वर्षीय बेटे और बेटी से छिना पिता का साया

Haryana's soldier martyred in Sikkim, the stove did not burn in the whole village, father's shadow was lost from 1-year-old son and daughter
Haryana's soldier martyred in Sikkim, the stove did not burn in the whole village, father's shadow was lost from 1-year-old son and daughter
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हिसार: हरियाणा के हिसार जिले के सिंदोल गांव का सोमवीर सिक्किम हादसे में शहीद हो गया। सोमवीर की पार्थिव देह देर रात दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचेगी। यहां से पार्थिव देह को हिसार लाया जाएगा। सुबह शहीद के पार्थिव देह को गांव के युवा हिसार के चिकनवास टोल से गांव में राजकीय सम्मान के साथ लेकर आएंगे। सोमवीर के सिक्किम में शहीद होने की जानकारी पूरे गांव और उसके परिवार में भाई और पिता को है। मां और पत्नी को यह कहा गया कि उसको चोट लगी है। गांव के बाहर ढाणी पर घर स्थित होने के कारण गांव में हो रही हलचल का उसकी मां और पत्नी को पता नहीं है। शहीद का भाई शुक्रवार को दिल्ली में गेम्स खेलने के लिए पुणे से आया हुआ था। भाई के हादसे की जानकारी मिलने पर वह से घर आ गया।

ग्रामीणों ने अंतिं संस्कार का किया इंतजाम
सिंदौल के ग्रामीणों ने शहीद के अंतिम संस्कार के लिए अपने स्तर पर इंतजाम करने शुरू कर दिए है। गांव में पंचायती जमीन पर पहले एक शहीद का अंतिम संस्कार किया गया था। उसी जगह पर ही सोमवीर का भी किया जाएगा।

पूरे गांव में नहीं जला चूल्हा
गांव के सरपंच प्रतिनिधि सुरजीत ने बताया कि सोमवीर की मौत पर पूरे गांव में रात को चूल्हा नहीं जला। गांव को उसके शहीद होने की सूचना शाम को मिली थी। हालांकि परिवार के बाकी सदस्यों को सोमवीर के शहीद होने की सूचना उसके यूनिट साथियों द्वारा सोशल मीडिया स्टेट्‌टस अपडेट करने से लगी।

2015 को सेना में भर्ती हुआ था
आर्मी की ओर से भी जवानों को सूचना देने के लिए भेजा गया। सोमवीर 26 जून 2015 को सेना में भर्ती हुआ था। शहीद सोमवार पिछले सप्ताह ही ड्यूटी पर गया था। उसका 1 साल का बेटा और 3 साल की बेटी है।

भाई को भी प्रेरणा देकर आर्मी में करवाया भर्ती
सोमवीर का भाई सुरेंद्र भी 2018 में आर्मी में भर्ती हुआ। सुरेंद्र पुणे में तैनात है और आर्मी में हॉकी भी खेलता है। छोटे भाई को भी आर्मी में भर्ती करने की प्रेरणा सोमवीर ने ही दी। इतना ही नहीं उसे ब्लड रिलेशन कोटे से आर्मी में भर्ती करवाया।

पिता करते थे मजदूरी
सोमवीर के पिता रामकिशन ठुकिया गांव में मेहनत मजदूरी करते थे। आर्मी में भर्ती होने के बाद ही परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक हुई। शहीद की माता का नाम शारदा देवी है। शहीद की पत्नी निशा देवी पहले उसके साथ सिक्किम में ही थी, पिछली बार जब वह गांव में आए तो वह घर पर ही रुक गई। सोमवीर खो-खो में स्टेट लेवल पर मेडल जीत चुका है। उन्होंने 12वीं तक की शिक्षा हासिल की थी।

55 दिन गांव में रहे तो युवाओं को करवाई प्रैक्टिस
गांव के सरपंच प्रतिनिधि सुरजीत ने बताया कि सोमवार पिछली बार 55 दिन की छुट्‌टी पर गांव में आया था। तब उन्होंने हर दिन गांव के युवाओं को आर्मी में भर्ती के लिए ट्रेनिंग दी। वह सुबह 5 बजे ही उनके साथ दौड़ लगाते और गांव के मैदान में ही प्रैक्टिस करवाते। 10 साल में गांव के करीब 30 युवा आर्मी में भर्ती हुए।

सिक्किम में आर्मी की गाड़ी खाई में गिरने से शहीद हुए 16 जवानों में हरियाणा के फतेहाबाद जिले का एक जवान विकास भी शामिल है। बीती शाम को परिजनों को विकास के शहीद होने की जानकारी मिली तो परिजनों के साथ पूरा गांव शोक में डूब गया।