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उत्तराखंड की बहुमूल्य वन संपदा को हर साल वनाग्नि (Forest Fire Pithoragarh) से काफी नुकसान पहुंचता है. तमाम पादप और जीव-जंतु इस आग में झुलसकर विलुप्ति के कगार पर पहुंच गए हैं. गर्मियों की शुरुआत हो चुकी है और साथ ही शुरू हो चुका है उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने का सिलसिला. जंगलों की आग से निपटना वन विभाग के सामने एक मुश्किल चुनौती है. समय रहते आग पर काबू न पाने की स्थिति में तस्वीरें काफी भयावह होती है और चारों तरफ दिखती है तो सिर्फ तबाही.
उत्तराखंड में जंगलों की आग एक गंभीर समस्या है. गर्मियां बढ़ने के साथ ही जंगलों में आग लगने का खतरा भी बढ़ते जा रहा है, जिससे बेशकीमती वन संपदा जलकर खाक हो रही है. बात अगर पिथौरागढ़ जिले की करें तो साल की शुरुआत से अब तक 32 जगहों पर आग लगने की घटनाएं दर्ज हो चुकी हैं, जिसमें अभी तक 53 हेक्टेअर वन भूमि आग की चपेट में आने से प्रभावित हो चुकी है. इस आग से लाखों की संपति का नुकसान हो चुका है.