अमेरिका में मची भारी तबाही, 19 लोगों की मौत, 2 लाख करोड़ का नुकसान, यहां देंखे

Heavy devastation in America, 19 people died, loss of 2 lakh crores, see here
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वॉशिंगटन। अमेरिका का कैलिफोर्निया राज्य एक खतरनाक तूफान की चपेट में है। दो हफ्तों से जारी इस तूफान की चपेट में आने से अब तक 19 लोगों की जान जा चुकी है। कैलिफोर्निया के हालात कितने गंभीर हैं, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि रविवार को राष्ट्रपति बाइडेन ने वहां इमरजेंसी घोषित कर दी है।

अमेरिका की नेशनल वेदर सर्विस के मुताबिक, सोमवार को भी तेज बारिश की आशंका जताई गई है। इससे कैलिफोर्निया की परेशानी और भी ज्यादा बढ़ेगी। इस भयावह तूफान के पीछे एटमोस्फियरिक रिवर को जिम्मेदार बताया जा रहा है।

न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, पिछले दो हफ्तों में 8 एटमोस्फियरिक रिवर से कैलिफोर्निया का सामना हो चुका है। सेंटर फॉर वेस्टर्न वेदर एंड वॉटर एक्सट्रीम के मुताबिक, कैलिफोर्निया में जितनी एटमोस्फियरिक रिवर पूरे साल में बनती हैं वो कुछ हफ्तों में ही बन गई। ये कहीं बारिश के रूप में बरस रही हैं तो कहीं बर्फीला तूफान ला रही हैं। अभी दो और एटमोस्फियरिक रिवर के कैलिफोर्निया में आने की आशंकाएं जाहिर की जा रही हैं।

75 हजार लोगों को सुरक्षित जगह जाने को कहा
इमरजेंसी ऑफिशियल्स के मुताबिक, राज्य से 75 हजार लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचने की चेतावनी जारी की गई है। 20 हजार से ज्यादा लोग बिना बिजली के रहने को मजबूर हैं।

कैलिफोर्निया में कई हाईवे, सड़क और पुल पानी में बहकर तबाह हो गए हैं। कई मकान या तो क्षतिग्रस्त हो गए हैं या ढह गए हैं। कैलिफोर्निया में भारी बारिश, तूफान और बाढ़ की वजह से अब तक 2 लाख करोड़ रुपए (30 बिलियन डॉलर) का नुकसान होने की आशंका जताई गई है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक तूफान की वजह से कैलिफोर्निया में कई बिजनेस ठप हो गए हैं। नुकसान का यह आंकड़ा अनुमानित है। स्थिति सामान्य होने के बाद वास्तविक नुकसान का आकलन किया जाएगा।

सेक्रोमेंटो शहर, जिसे अमेरिका में पेड़ों का शहर भी कहा जाता है, वहां पिछले 6 दिन में लगभग 1000 पेड़ गिर चुके हैं। यूएस फोरेस्ट सर्विस के मुताबिक तूफान में गिरे कुछ पेड़ तो 80 से 100 साल पुराने थे। कैलिफोर्निया का उत्तरी इलाका सबसे पहले तूफान की चपेट में आया था। यहां लैंडस्लाइड, बाढ़ के पानी और गिर हुए पेड़ों से सभी रास्ते जाम हो चुके हैं। सैन लूईस ओबिस्पो काउंटी में खराब हालातों के चलते प्रशासन ने अपनी मां की गोद से बहे 5 साल के बच्चे की तलाश भी बंद कर दी।

कैलिफोर्निया में तूफान की शुरूआत क्रिसमस के बाद यानी 26 दिसंबर से हुई। 30 दिसंबर तक कैलिफोर्निया में तूफान से होने वाली बारिश 4 इंच से 6 इंच के बीच रही। जबकि 30 दिसंबर के बाद तूफान ने तेजी से तबाही मचाना शुरू कर दिया। 13 जनवरी तक बारिश ने तेजी पकड़ी और एक दिन में होने वाली औसतन बारिश 6 इंच से बढ़कर 10 इंच हो गई। सैंटा बारबरा में तो जनवरी में एक दिन में 20 इंच से ज्यादा बारिश दर्ज की गई थी।

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक कैलिफोर्निया के कई इलाकों में हवाएं 50 मील प्रति घंटा से भी तेज रफ्तार पर चलीं। 8 जनवरी को सैंट्रल वेली और सैनफ्रांसिस्को में हवाएं 39 मील प्रति घंटा की रफ्तार पर चली थी। इस हफ्ते तूफान की रफ्तार कम होने की उम्मीदें की जा रही हैं। वहीं कुछ वेदर रिपोर्ट्स के मुताबिक 9वीं एटमास्फियरिक रिवर कैलिफोर्नियो को अपनी चपेट में ले सकती है।

‘ कैलिफोर्निया में आया तूफान इतिहास के बड़े तूफानों में से एक है’

कैलिफोर्निया के गर्वनर ऑफिस में इमरजेंसी सर्विसेज की डायरेक्टर ने कहा कि ये तूफान राज्य के इतिहास के बड़े तूफानों में से एक है। कैलिफोर्निया की इस बाढ़ ने लोगों को 1861 की बाढ़ की याद दिला दी। उस समय भी क्रिसमस के दौरान ही बाढ़ ने तबाही मचाना शुरू किया था। US जिओलोजिकल सर्वे के एक रिसर्चर माइकल डी डेटिंगर की रिपोर्ट के मुताबिक 1861 की बाढ़ 43 दिनों तक जारी रही थी। उस समय भी कैलिफोर्निया में एटमोस्फियरिक रिवर की वजह से ऐसे हालात बने थे।

आमतौर पर एटमोस्फियरिक रिवर ट्रॉपिकल रीजन में बनती हैं। वहां के गर्म तापमान के कारण समुद्र का पानी भाप में बदलकर वायुमंडल में जमा हो जाता है। तेज हवाएं जलवाष्प को वायुमंडल की ऊपरी सतह की ओर ले जाती हैं। इस दौरान जल वाष्प किसी नदी की तरह धरती के ऊपर एक जगह से दूसरी जगह तेज हवाओं के साथ चलती हैं।

‘पाइनएपल एक्सप्रेस’ दुनिया की सबसे बड़ी और खतरनाक एटमोस्फियरिक रिवर का नाम है। इसका सबसे ज्यादा असर अमेरिका के पश्चिमी हिस्से और कनाडा में देखने को मिलता है। इसी ‘पाइनएपल एक्सप्रेस’ की वजह से कैलिफोर्निया की कई जगहों पर एक दिन में 5 इंच तक बारिश हो रही है।

खतरनाक बाढ़ से भी नहीं खत्म होगा कैलिफोर्निया का सूखा
एक तरफ जहां कैलिफोर्निया बाढ़ की चपेट में है। वहीं, एक अनुमान के मुताबिक ये बाढ़ भी वहां के सूखे को कम नहीं कर पाएगी। वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक कैलिफोर्निया में पिछले तीन साल से चल रही हीट वेव की वजह से यहां इतना सूखा पड़ा है कि इस बाढ़ का उस पर कम ही असर होगा।नेवाडा के डिजर्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट में रिसर्च करने वाले डेनियल मैकइवॉय ने बताया कैलिफोर्निया में हो रही ज्यादा बारिश के मुकाबले वहां गर्मियों के मौसम में हीट की इंटेंसिटी यानी तीव्रता बढ़ती जा रही है।

इससे जब इस इलाके में ज्यादा बारिश पड़ती है तो जमीन तेजी से उसकी नमी को सोख लेती है। यही वजह है कि ज्यादा बाढ़ और बारिश के बावजूद भी वहां के वॉटर रेजवॉयर यानी झीलों और तालाबों में पानी जमा नहीं हो पाता है। इसे ऐसे समझें कि कैलफोर्निया क्षेत्र के सैन गेब्रियल माउंटेन पर पिछले कुछ सप्ताह में 9 इंच तक बारिश हुई है। इस बारिश से यहां 8.4 बिलियन गैलन पानी 14 बड़े तालाबों में जमा किया गया है। हालांकि, कैलिफोर्निया को सूखा खत्म करने के लिए इससे कई गुना ज्यादा पानी की जरूरत है।

कैलिफोर्निया के अलावा फिलीपींस में बाढ़ से 27 लोग मरे
वहीं कैलिफोर्निया के अलावा फिलीपींस में भी बाढ़ अपना कहर बरपा रही है। वहां अब तक 27 लोगों की मौत हो चुकी है। बाढ़ के कारण हजारों लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है। साल के शुरू होने के बाद फिलीपींस में कम से कम तीन तूफान अपनी चपेट में ले चुके हैं। बाढ़ के कारण जगह-जगह लैंडस्लाइड हो रही हैं। 83 हजार से ज्यादा लोगों को अपने घरों से निकालकर सुरक्षित जगहों पर ठहराया गया है। वहां के सिविल डिफेंस ऑफिस के मुताबिक अब तक 1200 घर बाढ़ के कारण पूरी तरह टूट चुके हैं।