Weather Update: इस राज्य में अगले 24 घंटे भारी! मूसलाधार बारिश का अलर्ट, पढ़ें देश भर में मौसम का हाल

Heavy next 24 hours in this state! Torrential rain alert, read weather conditions across the country
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IMD Weather Forecast Today Rainfall Alert: मॉनसून (Monsoon) के दूसरे चरण में आसमानी आफत का कहर जारी है. इस दौर में ओडिशा (Odisha), राजस्थान (Rajasthan), उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कुछ जिलों, उत्तराखंड (Uttarakhand), मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में मौसम की मार से लोग पूरी तरह से उबर नहीं पाए हैं. एमपी (MP) और ओडिशा (Odisha) में बाढ़ जैसे हालात हैं. यूपी (UP) की नदियां खतरे के निशान के ऊपर हैं. इस बीच मौसम विभाग ने नई चेतावनी जारी की है.

ओडिशा में दो दिन भारी बारिश का अलर्ट

ओडिशा में महानदी और सुवर्णरेखा नदी घाटियों में आयी बाढ़ की मार के बाद मौसम विभाग ने राज्य में शनिवार को भारी बारिश के आसार जताए हैं. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने एक बुलेटिन में कहा कि ओडिशा में दो दिन की अवधि के दौरान भारी बारिश की आशंका है. मौसम विभाग ने 27 अगस्त को सुबह साढ़े आठ बजे तक मयूरभंज, बालासोर, क्योंझर, कटक, जाजपुर, बालासोर और भद्रक, बौध, नयागढ़, खुर्दा, रायगढ़, कोरापुट, मलकानगिरी, नबरंगपुर, गजपति, गंजम, अंगुल और ढेंकनाल में गरज के साथ बौछारें और ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है. आईएमडी ने शुक्रवार को कहा कि गजपति, रायगढ़, कालाहांडी, नबरंगपुर, कोरापुट और मलकानगिरी जिलों में शनिवार को भारी बारिश होगी.

अगले 24 घंटे तक संभलकर

मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, ऐसी ही चेतावनी सोनपुर, बौध, नुआपाड़ा, बलांगीर और कालाहांडी के अलावा सुंदरगढ़, झारसुगुड़ा, बरगढ़, संबलपुर, देवगढ़, अंगुल, ढेंकनाल, क्योंझर और मयूरभंज जिलों के लिए भी जारी की गई है. ओडिशा के कंधमाल, नबरंगपुर, रायगढ़, कोरापुट, मलकानगिरी, बालासोर, भद्रक, जाजपुर, केंद्रपाड़ा, कटक, जगतसिंहपुर, पुरी, खुर्दा, नयागढ़, गंजम और गजपति जिलों में 27 अगस्त को सुबह साढ़े आठ बजे से 28 अगस्त सुबह साढ़े आठ बजे तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है.

ओडिशा में बाढ़ से दस लाख प्रभावित

आईएमडी के अनुसार, भुवनेश्वर और उसके आसपास के क्षेत्रों में आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे और मध्यम बारिश या गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है. आईएमडी ने कहा कि शुक्रवार को दिन के समय बारिश नहीं हुई. ओडिशा के 14 जिलों में बाढ़ से दस लाख लोग प्रभावित हुए हैं और 100 गांव अब भी जलमग्न हैं. वहीं, एक पखवाड़े में डायरिया और जलजनित बीमारियों के 900 नए मामले सामने आए हैं. अधिकारियों ने बताया कि प्राकृतिक आपदा में कम से कम छह लोगों की जान चली गई है.

मप्र में शुरू होगा बारिश का नया दौर

मध्य प्रदेश में इस मौसम में अब तक सामान्य से 28 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है और अगले 24 से 48 घंटों में एक बार फिर बारिश होने की संभावना है. विदिशा, सागर, भिंड, मुरैना और श्योपुर जिलों के कुछ निचले हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश के कारण बाढ़ आ गई है. प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित कई जगहों पर बिजली आपूर्ति ठप हो गई है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हवाई सर्वेक्षण किया और नावों से बाढ़ प्रभावित कुछ इलाकों का दौरा किया. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्य जारी है.

31 अगस्त तक राहत के आसार नहीं

मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के भोपाल कार्यालय के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि इस मानसून सत्र में अब तक मध्य प्रदेश में 928 मिमी. बारिश हुई है, जो सामान्य से 28 प्रतिशत अधिक है. उन्होंने कहा, ‘बारिश का चालू दौर 31 अगस्त तक रहने की संभावना है. मध्य और पूर्वी मध्य प्रदेश पर इसका असर रहेगा है. यह प्रदेश के इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और चंबल संभाग में कम प्रभावी हो सकता है.’ बंगाल की खाड़ी के उत्तरी हिस्से पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है. यही वजह है कि पूर्वी मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में बारिश हुई है.

अधिकारी ने कहा, ‘यह (चक्रवाती परिसंचरण) अगले 24 से 48 घंटों में एक कम दबाव के क्षेत्र में तेज हो जाएगा और फिर झारखंड और छत्तीसगढ़ की ओर बढ़ेगा जिससे मध्य प्रदेश में बारिश की गतिविधियां शुरू हो जाएंगी.’ उन्होंने कहा कि हालांकि इस बार बारिश की गतिविधियां ज्यादा तेज होने की उम्मीद नहीं है. बृहस्पतिवार को सुबह 8.30 बजे समाप्त हुए 24 घंटे की अवधि में सीधी शहर और जिले के चुरहट क्षेत्र में क्रमश: 108.5 और 105 मिमी. बारिश हुई. आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार सिंगरौली जिले के माडा में 82.6 मिमी. और उमरिया जिले के चंदिया में 61.2 मिमी. बारिश दर्ज की गई.

सितंबर के पहले सप्ताह में मॉनसून के विदा होने की संभावना: IMD

दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के सितंबर के पहले सप्ताह में वापसी के चरण में प्रवेश करने की संभावना है, जो सामान्य तिथि से लगभग एक पखवाड़ा पहले होगा. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की वापसी की सामान्य तिथि 17 सितंबर है. हालांकि, दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की वास्तविक वापसी आमतौर पर मौसम प्रणालियों की गतिशील प्रकृति को देखते हुए या तो पहले या बाद में होती है.

आईएमडी ने बृहस्पतिवार को जारी विस्तारित रेंज पूर्वानुमान में कहा, ‘एक सितंबर से शुरू होने वाले सप्ताह के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों से दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की वापसी की शुरुआत के लिए स्थितियां अनुकूल होने के आसार हैं.’

पूरे देश में मॉनसून की बारिश सामान्य से नौ% अधिक रही है, लेकिन यूपी, बिहार और मणिपुर जैसे राज्यों ने लंबी अवधि के औसत के हिसाब से करीब 40% कमी दर्ज की है, जिससे किसान मुश्किल में हैं.

उत्तर प्रदेश और मणिपुर में लंबी अवधि के औसत से 44% कम बारिश दर्ज की गई है, इसके बाद बिहार (41%), दिल्ली (28%), त्रिपुरा और झारखंड (27% प्रत्येक) का स्थान है.