पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थी कर रहे थे जासूसी, राजस्थान इंटेलिजेंस ने दिल्ली में पकड़ा

Hindu refugees from Pakistan were spying, Rajasthan Intelligence caught in Delhi
Hindu refugees from Pakistan were spying, Rajasthan Intelligence caught in Delhi
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जयपुर। पाकिस्तान अपनी नापाक साजिशों से बाज नहीं आता है, वो लगातार किसी न किसी रूप में अपनी चालें चलता रहता है। अब उसके एक और मोहरे का पर्दाफाश किया गया है। पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहे एक शख्स को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है। हालांकि, हैरान करने वाली बात ये है कि ये जासूस पाकिस्तान से आकर भारत की नागरिकता ले चुका एक हिंदू शरणार्थी है। इस शरणार्थी को ही पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

राजस्थान इंटेलिजेंस ने 46 साल के भागचंद को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। आरोपी ने तीन साल पहले ही भारत की नागरिकता ली थी और दिल्ली में रहकर टैक्सी चलाता था। इंटेलिजेंस को सूचना मिली थी कि आरोपी पाकिस्तानी हैंडलर के संपर्क में था और दिल्ली से अहम जानकारी पाकिस्तान भेज रहा था।

एडीजी इंटेलिजेंस उमेश मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया, ये पाकिस्तानी हैंडलर के संपर्क में था और दिल्ली के संवेदनशील जगहों की सूचनाएं पाकिस्तान भेज रहा था। 14 अगस्त को जासूसी के आरोप में भीलवाड़ा से नारायण लाल गाडरी नाम के व्यक्ति को गिरफ़्तार किया गया था, जिसके मोबाइल से पता चला कि दिल्ली के संजय कॉलोनी भाटी माइंस निवासी भागचंद भी उसके साथ शामिल था।

उन्होंने बताया, पाकिस्तानी हैंडलर इसके भी अकांउट में पैसे डाल रहे थे। यह पिछले तीन साल से पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहा था। ऑटो चलाने के दौरान दिल्ली के अलग-अलग जगहों की तस्वीरें खींचकर पाकिस्तान भेजता रहता था। पकड़ा गया आरोपी साल 1998 में परिवार समेत वीजा पर भारत आया था और यहां आकर मज़दूरी करने लगा। तीन साल पहले इसे भारत की नागरिकता मिली है, इंटेलिजेंस की ज्वाइंट टीम इससे जयपुर में पूछताछ कर रही है।

सिम कार्डों का पता लगा रही इंटेलिजेंस
अब तक की जांच के दौरान सामने आया कि नारायण लाल सिम कार्ड जारी करवाकर भागचंद ने इन सिमकार्डों को स्वयं के पास बस द्वारा दिल्ली मंगवाया तथा दिल्ली में कश्मीरी कश्मीरी गेट ट्रैवल एजेंसी के कार्यालय में मगवाया। इसके बाद बच्चों के कपड़ों और मसाले के पैकेट में छुपा कर पाकिस्तानी हैंडलिंग अफसरों ने उन्हें मुंबई भिजवाया। भागचंद ने इन चार साल पहले भी अपने नाम से सिम कार्ड जारी करवाकर बाद हैंडलिंग अफसरों को भेजा था और उन्हें व्हाट्सएप डाउनलोड करवाया था। इसकी एवज में पाकिस्तानी हैंडलिंग अफसरों ने पेटीएम के माध्यम से भागचंद के खाते में धनराशि जमा कराई थी। अब इंटेलिजेंस पुलिस की ओर से विभिन्न कंपनियों के सिम कार्ड और भागचंद के खाते की तलाशी ली जा रही है।