बिहार में एक ओर सुखाड़ तो दूसरी ओर बाढ़, गंगा समेत कई नदियों में उफान जारी

In Bihar, there is drought on the one hand and floods on the other, many rivers including Ganga continue to be in spate.
In Bihar, there is drought on the one hand and floods on the other, many rivers including Ganga continue to be in spate.
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पटना। नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्र में वर्षा और गंडक बराज से पानी छोड़े जाने के बाद प्रदेश की कई नदियां उफान पर है। सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी है। बुधवार को पश्चिम चंपारण के सिकटा में गौरीपुर-चनपटिया मार्ग करताहा नदी में विलीन हो गया। समस्तीपुर में गंगा, बागमती, बूढ़ी गंडक एवं करेह नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। गोपालगंज सदर प्रखंड के निचले इलाके जगीरी टोला, कटघरवा सहित करीब आधा दर्जन गांवों में गंडक नदी का पानी फैल गया है।

पश्चिम चंपारण जिले के नौतन और बैरिया दियारे के लोगों की परेशानी बढ़ गई है। नौतन की भगवानपुर पंचायत की विश्वंभरपुर छरकी दियारा में बाढ़ का पानी फैल गया है। वहां से लोग पलायन की तैयारी में हैं। वाल्मीकिनगर में बुधवार को गंडक बराज से शाम पांच बजे 2.67 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया। मोतिहारी के सुगौली में बाढ़ का पानी घुस रहा है। शिवहर में बुधवार की शाम बागमती का जलस्तर 61.22 मीटर दर्ज किया गया। यह लाल निशान से 0.7 सेमी कम है। हालांकि, बाढ़ का पानी निचले इलाकों में फैल रहा है। पिछले 24 घंटे के भीतर 6.83 मिमी वर्षा हुई है। वहीं समस्तीपुर में गंगा, बागमती, बूढ़ी गंडक एवं करेह नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।

जिला आपदा प्रबंधन शाखा द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार बूढ़ी गंडक के समस्तीपुर रेल पुल पर उच्चतम जलस्तर 48.83 है, जबकि खतरे का निशान 45.73 है। बीते 24 घंटे में जलस्तर में करीब 58 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई है। गंगा नदी के जलस्तर में भी वृद्धि जारी है। मोहनपुर के सरारी घाट में उच्चतम जलस्तर 48.50 है, जबकि खतरे का निशान 45.50 निर्धारित है। मधुबनी में कमला-बलान नदी का जलस्तर झंझारपुर और जयनगर में खतरे के निशान से ऊपर है। गागन नदी का पानी लदनियां प्रखंड के कुछ गांवों के खेतों में फैल गया है। इससे धान के पौधे डूब गए हैं। सीतामढ़ी में नदियों के जलस्तर में कमी के बीच बागमती बेलसंड के चंदौली व रुन्नीसैदपुर के समीप कटौझा में लाल निशान के पार बह रही है। अधवारा नदी पुपरी में अभी उफान पर है।

इधर, गोपालगंज सदर प्रखंड के निचले इलाके जगीरी टोला, कटघरवा सहित करीब आधा दर्जन गांवों में गंडक नदी का पानी फैल गया है। गंडक का पानी मंगलवार की शाम से बढ़ रहा है। बुधवार की सुबह से लोग घर छोड़कर सामान के साथ बांध पर शरण लेने लगे हैं। निचले इलाके से बांध को जोडऩे वाली सड़क पर गंडक नदी का पानी फैल गया है। लोगों ने जिला प्रशासन पर अब तक नाव मुहैया नहीं कराने का आरोप लगाया है। प्रशासनिक स्तर पर जिले के कुचायकोट, सदर प्रखंड, बरौली, मांझा, सिधवलिया व बैकुंठपुर प्रखंड के निचले इलाके में रहने वाले लोगों के बीच लाउडस्पीकर से मुनादी कर सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील की जा रही है। डीएम डा. नवल किशोर चौधरी ने बताया कि जिले में 28 ऐसे गांव व टोले हैं, जो निचले इलाके में हैं। उन्होंने कहा कि मंगलवार को नेपाल से करीब तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। अब वर्षा नहीं हुई तो पानी आराम से नदी के रास्ते निकल जाएगा।

पूर्व बिहार, कोसी और सीमांचल की नदियों में पानी बढ़ रहा है। गंगा, कोसी और बागमती में उफान है। इस कारण नदी किनारे के लोग सहमे हुए हैं। उन्हें बाढ़ का भय सता रहा है। दियारा इलाके में कटाव भी तेज हो चुका है। मुंगेर में गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। यहां दियारा इलाके में कटाव भी तेज हो रहा है। मंगलवार शाम से बुधवार सुबह तक गंगा में 15 सेंटीमीटर पानी बढ़ा है। दियारा इलाके के तीन दर्जन से अधिक गांवों पर भी कटाव का खतरा मंडरा रहा है। कई इलाकों में सब्जियों की फसल बर्बाद हो चुकी है। हेमजापुर चांदटोला में 100 एकड़ फसल नदी में समा चुकी है।

वहीं, सुपौल में कोसी नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी जारी है। मंगलवार की संध्या पांच बजे नदी का जलस्राव 2,41,535 क्यूसेक तक पहुंच गया। यह अब तक का नदी का सर्वाधिक जलस्राव रहा। इसके बाद नदी का जलस्तर प्रति घंटे के हिसाब से घटते क्रम की ओर जाने लगा। बुधवार की सुबह आठ बजे नदी का जलस्तर बराह क्षेत्र में 1,74,600 एवं कोसी बराज पर 2,29,475 क्यूसेक रिकार्ड किया गया। दिन में 12 बजे नदी के जलस्राव में बढ़ोतरी दिखी। सहरसा के कई गांवों में पानी फैलने से आवागमन ठप हो चुका है। खगडिय़ा में कोसी और बागमती नदी पूरी रफ्तार में है। गंगा और बूढ़ी गंडक का भी बढऩा जारी है। बागमती के नेपाल स्थित कैचमेंट एरिया में भारी वर्षा से नदी का पानी बढ़ गया है।