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कुल्लू। जिला कुल्लू की गड़सा घाटी के शियाह व हवाई गांवों में ऋषि जमदग्नि के सम्मान में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी सदियाला पर्व मनाया गया। वीरवार रात को पूरा गांव गालियों से गूंज उठा और दोनों गांवों के हर घर से लोग जलती हुई मशालें लेकर निकले। इसके बाद गांव की परिक्रमा की और शुक्रवार को सुबह से लेकर शाम तक लोगों ने नाटी सहित अन्य गतिविधियों के माध्यम से मनोरंजन किया।
मान्यता के अनुसार मशालों से गांव की परिक्रमा करने और गालियों से गांव व घरों में असुरी शक्तियों का वास नहीं होता और क्षेत्र में खुशहाली बनी रहती है। सनद रहे कि दोनों गांवों में सदियाला पर्व मनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है और बुजुर्गों के साथ-साथ युवा पीढ़ी भी इन मान्यताओं व परंपराओं का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं। लिहाजा, रातभर ढोल नगाड़ों की थाप पर हवाई व शियाह गांव के अराध्य देवता ऋषि जमदग्नि के मंदिरों व आसपास के क्षेत्र में रातभर यह परंपरा निभाई गई। लोगों ने इस देवकारज में देवी-देवताओं से सुख समृद्धि का आशीर्वाद लिया। उन्होंने उम्मीद जताई कि देवी-देवता लोगों को खुशहाली का आशीर्वाद देंगे और सारा साल उन पर कृपा बनी रहेगी। वह आपदाओं से दूर रहेंगे।
दो माह बंद रहेंगे मंदिर के कपाट
माघ पर्व को मनाने के बाद ऋषि के मंदिर के कपाट दो माह के लिए बंद हो गए हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार महर्षि अब स्वर्ग प्रवास पर रहेंगे और चैत्र संक्रांति को अपने मंदिर लौटेंगे। देवी-देवताओं की अनुपस्थिति में गांव के लोगों पर किसी बुरी आत्मा का प्रभाव न पड़े इसके लिए सदियाला पर्व के दौरान गालियां देकर बुरी आत्माओं को भगाते हैं।