अभी-अभी: हरियाणा में खट्टर सरकार का बड़ा तोहफा, इन छात्रों की फीस भरेगी सरकार

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चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से आह्वान किया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को 2025 तक लागू करने के लिए वे पूरी तन्मयता और जिम्मेदारी से काम करें। मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालयों से अधिक से अधिक सेल्फ फाइनेंस कोर्स शुरू करने को कहा। इन पाठ्यक्रमों में दाखिले लेने वाले गरीब विद्यार्थियों की फीस का भुगतान हरियाणा सरकार करेगी।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल सोमवार को हरियाणा राजभवन में कुलपति एवं कुलसचिवों की एक दिवसीय कार्यशाला में बोल रहे थे। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और मुख्यमंत्री ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यशाला की शुरुआत की। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश भर में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2030 तक लागू होगी, लेकिन हरियाणा ने इसे अपने राज्य में पांच साल पहले 2025 तक लागू करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। कुलपति एवं कुलसचिवों का दायित्व है कि वे शिक्षा के आयाम को उच्च स्तर पर ले जाने का मुख्य ध्येय बनाएं और उसे निर्धारित समयावधि में पूरा करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मेडिकल शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और उच्चतर शिक्षा के ग्रेड को कैसे ऊंचा उठाया जाए, इसके लिए विश्वविद्यालयों को पहल करनी होगी। हरियाणा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के नजदीक होने से विदेशी छात्रों के आकर्षण का केंद्र बन सकता है। उन्होंने सलाह दी कि विश्वविद्यालयों को पूर्व छात्रों का डाटा एकत्र कर उनसे तालमेल स्थापित करते हुए हर विश्वविद्यालय स्तर पर मिलन समारोह आयोजित करने चाहिए।

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत विश्वविद्यालयों में वर्तमान मांग के अनुसार नए रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम शुरू करने होंगे। कार्यशाला में चिकित्सा विज्ञान एवं अनुसंधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आलोक निगम ने मेडिकल शिक्षा, उच्चतर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आनंद मोहन शरण ने तकनीकी एवं उच्चतर शिक्षा के बारे में प्रस्तुतिकरण दिया। हरियाणा राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद के चेयरमैन प्रो. बीके कुठियाला, उच्चतर शिक्षा विभाग के महानिदेशक विजय दहिया, राज्यपाल के सचिव अतुल द्विवेदी समेत तमाम कुलपति और कुलसचिव कार्यशाला में मंथन के लिए मौजूद रहे।