अभी-अभी: हरियाणा में किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी, अक्टूबर से …

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सहकारिता मंत्री ने कहा, राज्य की सभी सहकारी चीनी मिलों को अक्तूबर के अंतिम सप्ताह से लेकर नवंबर के दूसरे सप्ताह के दौरान चालू कर दिया जाएगा. यह भी कहा कि गन्ना किसानों को किसी तरह की दिक्कत नहीं होनी चाहिए.

हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने कहा है कि आने वाले गन्ना पेराई सीजन के तहत राज्य की सभी सहकारी चीनी मिलों को अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से लेकर नवंबर के दूसरे सप्ताह के दौरान चालू कर दिया जाएगा ताकि गन्ना किसानों को किसी भी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पडें. इसके अलावा, उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देष देते हुए कहा कि एथोनॉल के उत्पादन के लिए बाजरे व आलू में पाए जाने वाले ग्लूकोज के बारे में अध्ययन किया जाए ताकि बाजरे व आलू से भी एथोनॉल के उत्पादन की संभावनाएं तलाशी जा सकें.

पलवल की मिलें 26 अक्टूबर से चलेंगी
डॉ. बनवारी लाल मंगलवार को पंचकूला में हरियाणा राज्य सहकारी चीनी मिल प्रसंघ लि. के अधिकारियों तथा सभी सहकारी चीनी मिलों के प्रबंध निदेशकों की एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. इस बैठक में शाहाबाद के विधायक और शुगरफेड के चेयरमैन राम करण काला और सहकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल भी मौजूद थे. बैठक में बताया गया कि पलवल की सहकारी चीनी मिल को आगामी 26 अक्टूबर, पानीपत-करनाल-शाहाबाद की सहकारी चीनी मिलों को आगामी 9 नवंबर, रोहतक की सहकारी चीनी मिल को 10 नवंबर, सोनीपत-जींद-महम-गोहाना की सहकारी चीनी मिलों को 11 नवंबर और कैथल सहकारी चीनी मिल तथा असंध की चीनी मिल को आगामी 12 नवंबर को गन्ना पेराई के लिए चालू कर दिया जाएगा.

टाइमलाइन का करना होगा पालन
सहकारिता मंत्री ने चीनी मिलों के प्रबंध निदेशकों को निर्देश देते हुए कहा कि बैठक के दौरान या मुख्यालय द्वारा जो भी निर्देश/आदेश दिए जाते हैं उनकी अक्षरक्ष: अनुपालना समय पर होनी चाहिए तथा इसकी रिपोर्ट निर्धारित समय अवधि के दौरान संबंधित उच्च अधिकारी को उपलब्ध करवाई जाए. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि आज जो सहकारी चीनी मिलों को आगामी सीजन के लिए शुरू करने की टाइमलाइन चीनी मिलों के अधिकारियों द्वारा दी गई है वह उसी समय के अनुसार शुरू हो जानी चाहिए. इसके अलावा, संबंधित चीनी मिलों के संबंधित अधिकारियों को समय रहते अपनी चीनी मिल की मरम्मत व रख-रखाव का कार्य पूरा कर लेना चाहिए ताकि आने वाले समय में किसानों को किसी भी दिक्कत का सामना न करना पड़े.