अभी अभीः हिजाब पर मुसलमानों को अदालत से तगडा झटका, आज से सभी स्कूलों में…

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बेंगलुरू। कर्नाटक में जारी हिजाब विवाद पर हाईकोर्ट का फैसला आ गया है। कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि हिजाब इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने स्कूल-कॉलेज में हिजाब पहनने की इजाजत देने से इनकार कर दिया है। इससे पहले, फैसले के मद्देनजर पूरे दक्षिण कर्नाटक में धारा 144 लगा दी गई थी। दक्षिण कर्नाटक में सभी स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं।

बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर कमल पंत ने भी बताया कि 15 मार्च से 21 मार्च तक एक सप्ताह के लिए बेंगलुरु में सार्वजनिक स्थानों पर सभी प्रकार की सभा, आंदोलन, विरोध या समारोह पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। 25 फरवरी को कोर्ट ने 11 दिनों की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।

हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट मंगलवार को अपना फैसला सुनाएगा। इसके चलते जज रितुराज अवस्थी के घर के आसपास भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

कोर्ट में सुनवाई के दौरान क्या-क्या हुआ था
हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस रितुराज अवस्थी, जस्टिस कृष्ण एस. दीक्षित और जस्टिस खाजी जयबुन्नेसा मोहियुद्दीन की बेंच ने 11 दिनों तक लगातार इस मामले की सुनवाई की थी। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा था कि इस्लाम में लड़कियों को सिर ढक कर रहने के लिए कहा गया है। ऐसे में स्कूल-कॉलेजों में हिजाब पर रोक लगाने वाला ड्रेस कोड पूरी तरह गलत है। सरकार की ओर से राज्य के एडवोकेट जनरल (AG) प्रभुलिंग नवदगी ने बेंच के सामने यह दलील रखी थी कि हिजाब इस्लाम की अनिवार्य धार्मिक प्रथा नहीं है।

कोर्ट ने मंगवाई थी कुरान की प्रति
कर्नाटक हाईकोर्ट की बेंच ने मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से दी गई दलील की पुष्टि के लिए उनसे पवित्र कुरान की एक प्रति मांगी थी। जस्टिस दीक्षित ने इस दौरान पूछा था- क्या यह कुरान की प्रमाणिक प्रति है। इसके प्रमाणिक होने पर तो कोई विवाद नहीं। इस पर एडवोकेट जनरल ने कहा था कि कुरान के कई अनुवाद हैं।

उडुपी से शुरू हुआ विवाद पूरे कर्नाटक और फिर देश में फैला
1 जनवरी 2022 को कर्नाटक के उडुपी में एक स्कूल ने लड़कियों के हिजाब पहनकर आने पर रोक लगा दी थी, जिसके बाद इस पर काफी हंगामा हुआ था। यह विवाद उडुपी के बाद कर्नाटक के अन्य हिस्सों में और फिर देश के कई राज्यों में फैल गया था। इस विवाद के खिलाफ उडुपी की 4 लड़कियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। हालांकि बाद में इसमें कई अन्य लोगों की तरफ से भी याचिकाएं दाखिल की गईं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से भी हस्तक्षेप की मांग की गई थी, लेकिन टॉप कोर्ट ने हाईकोर्ट में ही सुनवाई करने का निर्देश दिया था।

1 जनवरी को शुरू हुआ था हिजाब को लेकर विवाद
कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद 1 जनवरी को शुरू हुआ था। यहां उडुपी में 6 मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनने के कारण कॉलेज में क्लास रूम में बैठने से रोक दिया गया था। कॉलेज मैनेजमेंट ने नई यूनिफॉर्म पॉलिसी को इसकी वजह बताया था। इसके बाद इन लड़कियों ने कर्नाटक हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। लड़कियों का तर्क है कि हिजाब पहनने की इजाजत न देना संविधान के अनुच्छेद 14 और 25 के तहत उनके मौलिक अधिकार का हनन है।

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कैसे शुरू हआ हिजाब vs भगवा?
कर्नाटक के कुंडापुरा कॉलेज की 28 मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनकर क्लास अटैंड करने से रोका गया था। मामले को लेकर छात्राओं ने हाईकोर्ट में याचिका लगाते हुए कहा था कि इस्लाम में हिजाब अनिवार्य है, इसलिए उन्हें इसकी अनुमति दी जाए। इन छात्राओं ने कॉलेज गेट के सामने बैठकर धरना देना भी शुरू कर दिया था।

3 साल पहले भी हुआ था हिजाब को लेकर विवाद
करीब 3 साल पहले भी हिजाब को लेकर स्कूल में विवाद हुआ था। तब फैसला लिया गया था कि कोई हिजाब पहनकर नहीं आएगा, लेकिन पिछले कुछ दिनों से स्टूडेंट्स हिजाब पहनकर स्कूल आने लगीं। इसका विरोध करते हुए कुछ स्टूडेंट्स ने भगवा पहनने का फैसला किया था।