अभी अभीः ट्रक-बस चालकों की हडताल वापस! सरकार ने लिया ये बडा फैसला

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नव-अधिनियमित भारतीय न्याय संहिता के तहत दुर्घटना हिट-एंड-रन मामलों में कड़ी सजा के खिलाफ ड्राइवरों द्वारा देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को प्रदर्शनकारी ट्रक ड्राइवरों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की. केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने इस मुद्दे का सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने के लिए शाम को ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के सदस्यों से मुलाकात की. इस बैठक के बाद ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने ट्रक मालिकों से काम पर लौटने का आह्वान किया. वहीं, अजय भल्ला ने भी कहा कि फिलहाल यह लागू नहीं होगा.

केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा, “हमने ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के प्रतिनिधियों से चर्चा की. सरकार कहना चाहती है कि नया नियम अभी लागू नहीं किया गया है, हम सभी कहना चाहते हैं कि भारतीय न्याय संहिता 106/2 लागू करने से पहले हम ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करेंगे और उसके बाद ही हम कोई निर्णय लेंगे.”

ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के मलकीत सिंह ने कहा कि हिट एंड रन केस में दस साल की सजा और जुर्माना होगा. यह सभी की चिंता थी. यह हमने संज्ञान किया और इसका क्या नुकसान होगा हमने चिट्ठी सरकार को लिख कर बताया था. आज हम भारत सरकार से मिले. गृह सचिव से मीटिंग हुई. 106(2) जिसमें दस साल की सजा और जुर्माना है.

उन्होंने कहा कि यह कानून अभी लागू नहीं हुआ है. आगे भी लागू नहीं होने देंगे. हमारी डेड बॉडी पर से जा के यह क़ानून लागू होगा. हम अपील करते है सभी अपनी गाड़ियों पर लौटे. वाहन चलाना शुरू करे. इस तरह के आंदोलन देश के लिए ख़तरा पैदा करता है. सरकार ने भी आगे चर्चा के लिए कहा है.

नए हिट-एंड-रन कानून के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन पर सरकार के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (एआईएमटीसी) ने मंगलवार को कहा कि “सभी मुद्दे हल हो गए हैं.” ट्रकर्स एसोसिएशन ने यह भी कहा कि हिट-एंड-रन कानून में नए दंड प्रावधानों के खिलाफ विरोध जल्द ही वापस ले लिया जाएगा.

हिट-एंड-रन मामलों पर नए दंडात्मक कानून के एक प्रावधान के खिलाफ देश भर में ट्रक ड्राइवरों ने हड़ताल कर दिया था. इससे ईंधन खरीदने की होड़ मच गई है और आपूर्ति में कमी के डर से लोग बड़ी संख्या में ईंधन स्टेशनों पर कतारों में खड़े हो गये थे.

भारतीय न्याय संहिता के तहत, जिसने ब्रिटिश-युग के भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की जगह ली है, अगर किसी ड्राइवर पर लापरवाही से गाड़ी चलाने के कारण गंभीर सड़क दुर्घटना का आरोप लगाया जाता है. वह पुलिस या प्रशासन के किसी भी अधिकारी को सूचित किए बिना भाग जाता है तो उसे सजा हो सकती है. उस पर 10 साल तक की सजा या 7 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. औपनिवेशिक काल के आईपीसी के तहत ऐसे मामलों में सजा 2 साल थी.

नए प्रावधानों के कारण महाराष्ट्र, पंजाब, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर सहित कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हुआ. हड़ताल से उन लोगों में घबराहट फैल गई जो पेट्रोल पंपों पर कतारों में खड़े थे, उन्हें डर था कि विरोध प्रदर्शन से आपूर्ति में कमी हो सकती है.