एडवोकेट पिता-पुत्र की हत्या के बाद वकीलों में उबाल; छपरा कोर्ट में काम ठप, आरोपियों का नहीं लड़ेंगे केस

Lawyers are furious after the murder of advocate father and son; work in Chapra court stopped, will not fight the case of the accused
Lawyers are furious after the murder of advocate father and son; work in Chapra court stopped, will not fight the case of the accused
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छपरा: छपरा कोर्ट के दो अधिवक्ताओं की निर्मम हत्या के बाद वकीलों में उबाल है। सहयोगी के जाने का गम है तो हत्यारों को लेकर उतना ही गुस्सा भी। वकीलों ने एक स्वर से निर्णय लिया कि हत्यारे का केस वे नहीं लड़ेंगे। कोर्ट परिसर के अलावा थाना चौक से लेकर अस्पताल तक वकील एकजुट रहे और जिला प्रशासन से हत्यारों की गिरफ्तारी जल्द से जल्द सुनिश्चित करने की मांग कर रहे थे। वकीलों ने हत्यारों को कड़ी-से कड़ी सजा दिलाने के लिए जिला प्रशासन से एसपीडी ट्रायल का भी अनुरोध किया है।

अधिवक्ताओं ने मृतक राम अयोध्या राय के परिजनों को समुचित सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए भी जिलाधिकारी से सकारात्मक पहल करने की मांग की है। बुधवार की सुबह हत्या से आक्रोशित अधिवक्ता थाना चौक के समीप प्रदर्शन की तैयारी कर रहे थे लेकिन एसपी ने समझा बुझाकर अधिवक्ताओं को मनाया। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जल्द ही अपराधियों की गिरफ्तारी कर ली जाएगी। दो आरोपितों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। इसके बाद अधिवक्ता शांत हुए।

छपरा विधि मंडल के अध्यक्ष गंगोत्री प्रसाद, महामंत्री अमरेंद्र कुमार सिंह, वरीय कार्य समिति सदस्य शिव प्रकाश सुमन, सरोज कुमारी, एपीपी नीरज कुमार श्रीवास्तव, मिथिलेश सिंह रणविजय सिंह, दीपक सिन्हा, दुर्गेश बिहारी,अंकुर प्रकाश, मानस पीयूष ने दोहरे हत्याकांड की निंदा करते हुए हत्यारों को फांसी की सजा देने की मांग की है।

वहीं छपरा विधि मंडल के पूर्व महामंत्री रवि रंजन प्रसाद सिंह ने कहा कि दो साथियों की मौत ने अधिवक्ताओं को काफी क्षति पहुंचायी है। हत्यारों को सजा मिलनी चाहिए।छपरा विधि मंडल के अधिवक्ताओं ने कहा कि इस हत्याकांड के हत्यारों की पैरवी कोई भी अधिवक्ता नहीं करेंगे। आक्रोशित अधिवक्ताओं ने कहा कि बाहरी कोई भी आरोपियों को बचाने का प्रयास करेगा तो उसका परिणाम उन्हें भुगतना पड़ेगा।

दूसरे दिन भी नहीं होगा काम दोहरे हत्याकांड को लेकर गुरुवार को छपरा विधि मंडल में शोक सभा का आयोजन किया गया है। विधि मंडल के महामंत्री ने इस बारे में जिला जज को भी सूचना दी है। शोक सभा के बाद अधिवक्ता दूसरे दिन भी न्यायिक कार्य से अलग रहेंगे। अपने दो वकील साथी की हत्या से आक्रोशित छपरा विधि मंडल के अधिवक्ताओं ने बुधवार को न्यायिक कार्य का बहिष्कार किया।

अधिवक्ताओं का कहना था कि हत्यारों को जल्द गिरफ्तार किया जाए। बुधवार की सुबह कोर्ट खुलने के तुरंत बाद दो अधिवक्ताओं की हत्या की खबर जैसे ही छपरा विधि मंडल में पहुंची कि अधिवक्ताओं ने हत्या की निंदा करते हुए कोर्ट कार्य का बहिष्कार किया। वहीं न्यायिक कार्य नहीं होने से शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र से आए लोगों को परेशानी हुई। रिविलगंज के रहने वाले सुरेश प्रसाद ने कहा कि पट्टीदार ने उनके ऊपर जानलेवा हमले का फर्जी मुकदमा दर्ज करा दिया है। कोर्ट में न्यायिक कार्य नहीं होने के कारण उन्हें काफी परेशानी हुई।

पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए वे अपने एक रिश्तेदार के यहां किसी तरह गुजर बसर कर रहे हैं। कोर्ट का कार्य सामान्य तरीका से होता तो वे अपनी जमानत करा लेते। वहीं दाउदपुर के रहने वाले कयामुद्दीन ने बताया कि उनकी जमीन पर दबंगों ने कब्जा कर लिया है। पुलिस से गुहार लगाने के बाद भी प्राथमिकी दर्ज नहीं हो रही है। कुछ लोगों ने बताया कि कोर्ट में परिवाद दर्ज कराया जा सकता है, पर कोर्ट बंद रहने के कारण परिवाद दर्ज नहीं करा पाए हैं। उधर पूरा अस्पताल परिसर पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन से भरा हुआ था। छपरा सिविल कोर्ट के सैकड़ों वकील अपने साथी की मौत की खबर सुनने के बाद अस्पताल पहुंचे हुए थे।