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शिमला: हिमाचल प्रदेश में स्टोन क्रशर खुलने को लेकर संशय बरकरार है. उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान भी ये बता पाने में असमर्थ नजर आ रहे हैं कि ढाई महीने से बंद स्टोन क्रशरों में कब से काम शुरू होगा. हर्षवर्धन के बयान से ऐसा लग रहा है कि वे अफरसरशाही के फैसले से खासे नाराज हैं. प्रदेश में कुछ स्थानों पर क्रशर खुले हैं तो अधिकतर स्थानों पर बंद, जिसके चलते निर्माण सामग्री के दाम आसमान छू रहे हैं. रेत बजरी की कीमत पिछले दो महीने के भीतर ही दोगुनी हो गई है. उद्योग मंत्री पर जनता का दबाव बढ़ता जा रहा है, लेकिन मंत्री अपने स्तर पर फैसला नहीं ले पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सीएम ही इस पर अंतिम फैसला लेंगे.
बताते चलें कि प्रदेश में भारी बारिश से हुए नुकसान के बाद अगस्त माह में राज्य सरकार ने नदियों और नालों के किनारे लगे स्टोन क्रशर बंद करने का फैसला लिया था. स्टोन क्रशर बंद होने से जहां राज्य सरकार को हर रोज करीब 40 लाख रुपये का नुकसान हो रहा है. वहीं, हजारों लोगों का रोजगार भी प्रभावित हो रहा है.
स्टोन क्रशर बंद करने के फैसले पर नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर ने बड़ा बयान दिया. जयराम ने कहा कि सरकार ने चुन-चुन कर क्रशर बंद किए। प्रभावशाली और सरकार के साथियों के क्रशर चल रहे हैं. सरकार के इस निर्णय पर प्रश्नवाचक चिन्ह लग रहा है. यह फैसला व्यवाहिरक नहीं है. सरकार में असमंजस की स्थिति है और निर्माण सामग्री के दाम कई गुणा बढ़ गए हैं. जयराम ने सरकार के फैसले का विरोध जताया है.