12 जून को विपक्षी एकता को लेकर मीटिंग, क्या होगा इसका मेन्यू? लग रही सियासी अटकलें

Meeting on opposition unity on June 12, what will be its menu? political speculation
Meeting on opposition unity on June 12, what will be its menu? political speculation
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पटना: 12 जून को विपक्षी एकता के लिए जो मीटिंग (Bihar Opposition Meet) होने वाली है, उसका मेन्यू क्या होगा? इस पर अभी से सियासी अटकलबाजी का दौर शुरू हो गया है। नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने विपक्षी एकता को दिशा देने के लिए 12 जून को मीटिंग बुलाई है। लेकिन इससे पहले ही कांग्रेस, टीमएसी और आम आदमी पार्टी के बीच जुबानी जंग शुरू होने से इसकी कामयाबी पर ग्रहण लगने लगा है। हालांकि इसकी तैयारी में जुटे नेताओं को पूरी उम्मीद है कि मीटिंग में बैठ भर जाने से कई मसलों का हल निकल आएगा।

क्या बैठक से निकलेगा रास्ता?
एक नेता के अनुसार विपक्षी एकता को लेकर सबसे बड़ी बाधा थी कि सभी इस बारे में बात तो करते थे, लेकिन गंभीरतापूर्वक एक साथ बैठते नहीं थे। अगर एक बार साथ बैठने लगेंगे तो छोटे-मोटे मसलों का हल भी निकलता जाएगा। बहरहाल, अभी तक मीटिंग की जो योजना बनाई गई है, उसमें इस बात पर सहमति बनाने की कोशिश होगी कि आम चुनाव तक हर महीने एक राज्य में विपक्षी दलों की बड़ी मीटिंग और सामूहिक रैली हो।

12 जून को मीटिंग पर भी सस्पेंस!
हालांकि यह मीटिंग 12 जून को ही होगी, इस बारे में भी अभी सीन कुछ साफ नहीं है। इसकी वजह यह है कि कुछ नेताओं ने इस मीटिंग को एक हफ्ते तक टालने को कहा है, ताकि उनके पूर्व निर्धारित कार्यक्रम से इसकी तारीख न टकराए। इस बीच 12 जून की बैठक को लेकर बिहार में जेडीयू-आरजेडी महागठबंधन सरकार की ओर से तैयारियों जोरों पर चल रहीं।

विपक्षी एकता को लेकर नीतीश हैं एक्टिव
सीएम नीतीश जिस तरह से 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर देशभर में बीजेपी विरोधी पार्टियों को एकजुट करने की कोशिश में लगे हैं, उसमें ये बैठक अहम मानी जा रही है। पटना में 12 जून को ये बैठक है, जिसमें उद्धव ठाकरे, शरद पवार, मल्लिकार्जुन खरगे समेत कई दिग्गजों के शामिल होने की चर्चा है। उधर, बीजेपी ने भी विपक्षी दलों की इस बैठक से अलग अपनी रणनीतिक तैयारी तेज कर दी है। पीएम मोदी इसी महीने बिहार का दौर कर सकते हैं।पटना: 12 जून को विपक्षी एकता के लिए जो मीटिंग (Bihar Opposition Meet) होने वाली है, उसका मेन्यू क्या होगा? इस पर अभी से सियासी अटकलबाजी का दौर शुरू हो गया है। नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने विपक्षी एकता को दिशा देने के लिए 12 जून को मीटिंग बुलाई है। लेकिन इससे पहले ही कांग्रेस, टीमएसी और आम आदमी पार्टी के बीच जुबानी जंग शुरू होने से इसकी कामयाबी पर ग्रहण लगने लगा है। हालांकि इसकी तैयारी में जुटे नेताओं को पूरी उम्मीद है कि मीटिंग में बैठ भर जाने से कई मसलों का हल निकल आएगा।

क्या बैठक से निकलेगा रास्ता?
एक नेता के अनुसार विपक्षी एकता को लेकर सबसे बड़ी बाधा थी कि सभी इस बारे में बात तो करते थे, लेकिन गंभीरतापूर्वक एक साथ बैठते नहीं थे। अगर एक बार साथ बैठने लगेंगे तो छोटे-मोटे मसलों का हल भी निकलता जाएगा। बहरहाल, अभी तक मीटिंग की जो योजना बनाई गई है, उसमें इस बात पर सहमति बनाने की कोशिश होगी कि आम चुनाव तक हर महीने एक राज्य में विपक्षी दलों की बड़ी मीटिंग और सामूहिक रैली हो।

12 जून को मीटिंग पर भी सस्पेंस!
हालांकि यह मीटिंग 12 जून को ही होगी, इस बारे में भी अभी सीन कुछ साफ नहीं है। इसकी वजह यह है कि कुछ नेताओं ने इस मीटिंग को एक हफ्ते तक टालने को कहा है, ताकि उनके पूर्व निर्धारित कार्यक्रम से इसकी तारीख न टकराए। इस बीच 12 जून की बैठक को लेकर बिहार में जेडीयू-आरजेडी महागठबंधन सरकार की ओर से तैयारियों जोरों पर चल रहीं।

विपक्षी एकता को लेकर नीतीश हैं एक्टिव
सीएम नीतीश जिस तरह से 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर देशभर में बीजेपी विरोधी पार्टियों को एकजुट करने की कोशिश में लगे हैं, उसमें ये बैठक अहम मानी जा रही है। पटना में 12 जून को ये बैठक है, जिसमें उद्धव ठाकरे, शरद पवार, मल्लिकार्जुन खरगे समेत कई दिग्गजों के शामिल होने की चर्चा है। उधर, बीजेपी ने भी विपक्षी दलों की इस बैठक से अलग अपनी रणनीतिक तैयारी तेज कर दी है। पीएम मोदी इसी महीने बिहार का दौर कर सकते हैं।