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लखनऊ। विधानसभा का मानसून सत्र अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया है। तीन दिन तक चले सदन में कुल 14 विधेयक पारित हुए। इस अवधि में कुल 12 घंटे 16 मिनट ही सत्र चला। हालांकि पहले 24 अगस्त तक सत्र चलाने का कार्यक्रम था, लेकिन तीसरे दिन ही सत्र का समापन हो गया। जबकि महंगाई समेत अन्य मुद्दों को लेकर विपक्ष के हंगामे, नारेबाजी और टोकाटाकी के चलते सदन की कार्यवाही 2 घंटे 9 मिनट तक बाधित रही।
विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने बृहस्पतिवार को सत्र को अनिश्चितकालीन समय के लिए स्थगित करने से पहले सत्र में भाग लेने वाले सभी सदस्यों को धन्यवाद दिया। उन्होंने बताया कि तीन दिन के सत्र में 90 अल्पसूचित प्रश्न, 95 तारांकित प्रश्न और 134 अतारांकित प्रश्न प्राप्त हुए। इनमें कुल 270 प्रश्नों का उत्तर दिया गया। इसी प्रकार सरकार से वक्तव्य मांगने वाले नियम-51 के तहत 187 सूचनाएं प्राप्त हुई।
जबकि सरकार का ध्यान आकर्षित करने वाले नियम-301 के तहत 128 सूचनाएं, नियम-56 के तहत कार्य स्थगन की 11 सूचनाएं प्राप्त हुई। इस सत्र में कुल 437 याचिकाएं सदन में प्रस्तुत की गयी। दीक्षित ने बताया की सत्र में नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 1 घंटा 13 मिनट उपस्थित रहकर अनुपूरक बजट पर चर्चा की। वे तीनों दिन सदन में मौजूद रहे। जबकि नेता विरोधी दल रामगोबिंद चौधरी समेत सभी दलीय नेता भी निरंतर सदन में उपस्थित रहे।
विधान परिषद में ये विधेयक हुए ध्वनिमत से पारित
– उप्र. विनियोग (2021-2022 का अनुपूरक) विधेयक, 2021
– उप्र. नगरीय परिसर किरायेदार विनियमन विधेयक, 2021
– उप्र. धूम्रपान निषेध (सिनेमा घर) (निरसन) विधेयक, 2021
– उप्र. लोकतंत्र सेनानी सम्मान (संषोधन) विधेयक, 2021
-उत्तर प्रदेश (द्वितीय) निरसन, विधेयक, 2021
– उप्र. (तृतीय) निरसन, विधेयक, 2021
– उप्र. जल संभरण तथा सीवर व्यवस्था (संशोधन) विधेयक, 2021
– उप्र. मलिन बस्ती क्षेत्र (सुधार और निपातन) (संशोधन) विधेयक, 2021
-उप्र. श्री चित्रकूट धाम तीर्थ विकास परिषद विधेयक, 2021
– उप्र. विन्ध्य धाम तीर्थ विकास परिषद विधेयक, 2021
– उप्र. विश्वविद्यालय (द्वितीय संषोधन) विधेयक, 2021
– उप्र. राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंध (संशोधन) विधेयक, 2021
– उप्र. निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2021
– उप्र. राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2021
– उप्र. गुंडा नियंत्रण (संशोधन) विधेयक, 2021
वाराणसी के अन्नापूर्णा मंदिर पर टैक्स मामले में प्रभावी कार्रवाई करेगी सरकार
वाराणसी के अन्नापूर्णा मंदिर पर टैक्स संबंधी गलत जानकारी देने पर सरकार प्रभावी कार्रवाई करेगी। विधान परिषद में सपा के शतरुद्र प्रकाश ने विशेषाधिकार हनन के तहत यह मामला उठाया। इस पर सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने यह व्यवस्था दी।
शतरुद्र ने बताया कि उन्होंने 23 जुलाई को नगर आयुक्त, वाराणसी को विश्वनाथ गली में स्थित अन्नापूर्णा मंदिर पर यूपी नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 177 (ख) का उल्लंघन करके लगाए गए हाउस टैक्स को निरस्त करने के लिए पत्र लिखा था। सहायक नगर आयुक्त ने बताया कि टैक्स निरस्त हो चुका है, जबकि 31 जुलाई को नगर आयुक्त ने बताया 4224 रुपये देय है।
उन्होंने कहा कि नगर आयुक्त ने उन्हें गुमराह करने वाला तथ्यहीन पत्र लिखा। इस पर पीठ ने व्यवस्था दी कि सरकार इस पर प्रभावी कार्रवाई करे। उन्होंने बीएचयू में अस्थायी रूप से संचालित राजन मिश्रा कोविड अस्पताल में 10-17 मई के बीच अधिक मौतों का मामला भी उठाया।
अनुपूरक बजट : सत्ता पक्ष ने बताया लाभकारी, विपक्ष ने उठाए सवाल
विधान परिषद में चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष ने अनुपूरक बजट को आम आदमी के हित में बताया, वहीं विपक्ष ने कहा कि इसमें कल्याणकारी योजनाओं का ध्यान नहीं रखा गया है। नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने कहा कि इस सरकार की एक भी योजना जमीन पर नहीं दिखती है। शतरुद्र प्रकाश ने कहा कि जब मूल बजट 5.5 लाख करोड़ का था, तो 7300 करोड़ का अनुपूरक बजट लाने की क्या जरूरत थी। बसपा के सुरेश कश्यप ने कहा कि प्रदेश में कहीं भी विकास नहीं दिखता। कांग्रेस के दीपक सिंह ने कहा कि इसमें दैनिक मानदेय वाले कर्मियों का ध्यान नहीं रखा गया।