लखनऊ। योगी सरकार में पश्चिमी उप्र के जातिगत प्रतिनिधित्व को पूरा करने की पूरी कोशिश की गई है। जाट, ठाकुर, गुर्जर और वैश्य सभी का ख्याल रखते हुए मंत्रालय में जगह बनाई गई है। खास तौर पर बागपत एवं मुजफ्फरनगर जैसे क्षेत्र में जहां किसान आंदोलन की गूंज रही थी वहां के विधायकों को मंत्रिपरिषद में नुमाइंदगी देकर सरकार ने अपनी मंशा साफ की है।
मेरठ, सहारनपुर, और मुरादाबाद मंडल से इस बार दस मंत्री चुने गए हैं। इनमें एक कैबिनेट मंत्री, तीन राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार और 7 राज्य मंत्री बनाए गए हैं। इस पूरे क्षेत्र में किसान आंदोलन की काफी धूम रही थी। हालांकि चुनाव का परिणाम आया तो भाजपा ने यहां भी काफी अच्छा प्रदर्शन किया पर यह पिछले चुनाव के मुकाबले हल्का रहा। मेरठ जिले की बात करें तो यहां सात में से चार सीटें गठबंधन ने जीत लीं। केवल तीन सीटें भाजपा को मिलीं जिनमें से दो को मंत्री बना दिया गया है। हस्तिनापुर विधायक दिनेश खटिक को दूसरी बार मंत्री बनाया गया है। उधर मेरठ दक्षिण विधायक सोमेंद्र तोमर को पहली बार मंत्री बनाकर गुर्जरों को प्रतिनिधित्व देने का संदेश दिया है।
चूंकि इस बार एमएलसी अशोक कटारिया को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है। इस पर एक गुर्जर को जगह मिलनी थी। दौड़ में कई गुर्जर विधायक थे जिसमें सोमेंद्र ने बाजी मारी। बागपत की बड़ौत सीट से दूसरी बार जीते केपी मलिक को मंत्री बनाकर जाटों में यहां एक नई और बड़ी लीडरशिप डेवलेप करने की कोशिश की गई है। चूंकि यहां रालोद से भाजपा का बेहद कड़ा मुकाबला हुआ और हार जीत का अंतर मामूली ही रहा। ऐसे में भाजपा यहां पार्टी को और मजबूत करना चाहती है और उसी का परिणाम है कि केपी मलिक को मंत्रिमंडल में जगह मिल गई। उधर मुजफ्फरनगर से कपिल देव अग्रवाल को फिर से मंत्री बनाकर वैश्यों को साधने की कोशिश की गई है। चूंकि यहां भी किसान आंदोलन का असर रहा था और कपिल ने कड़े मुकाबले में सीट जीती। हालांकि गाजियाबाद से फिर जीते पिछली सरकार के मंत्री अतुल गर्ग का नाम इस बार मंत्रिमंडल से गायब है।
उधर मुरादाबाद से भूपेंद्र सिंह चौधरी को फिर से मंत्री बनाकर जाटों में अपनी पैठ और मजबूत करने की कोशिश की गई है। इसमें चुनाव के दौरान भूपेंद्र की पूरे पश्चिमी उप्र में की गई मशक्कत को भी ध्यान में रखा गया है। चंदौसी से गुलाब देवी को फिर से राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया गया। दरअसल यहां अपने अनुसूचित जाति के प्रतिनिधित्व को भाजपा और मजबूत करना चाहती है। इसलिए गुलाब देवी को फिर से मंत्री बनाया गया है। रामपुर जिले से बलदेव सिंह औलख को राज्यमंत्री बनाया गया है। गाजियाबाद से नरेंद्र कश्यप का नाम सभी के लिए नया था पर भाजपा ने अति पिछड़ाें पर इस शहरी क्षेत्र में दांव लगाकर पूरे वेस्ट यूपी को साधने की कोशिश की है। यही कार्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष जसवंत सैनी को मंत्री बनाकर किया गया । भाजपा थिँक टैंक ने स्पष्ट माना है कि अति पिछड़ा उनका कोर वोटर है और उसके प्रतिनिधित्व को कम नहीं करना है। सहारनपुर देवबंद से बृजेश सिंह को मंत्री बनाया गया है।