करोड़ो के कर्ज में डूबी मुजफ्फरनगर नगर पालिका, बिल जारी होने से मचा बवाल

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मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् द्वारा विद्युत विभाग को विद्युत सबस्टेशनों के भवन किराया और वार्षिक कर के लिए 12.76 करोड़ रुपये का बकाया होने के कारण आरसी नोटिस भेजे जाने की प्रतिक्रिया में पालिका प्रशासन को अब ढाई अरब का तीव्र करंट लगा है। विद्युत विभाग के नगरीय खण्ड की ओर से पालिका प्रशासन को पालिका के मुख्य कार्यालय, जलकल संयोजन और मार्ग प्रकाश के लिए विद्युत आपूर्ति का बिल जारी करते हुए ढाई अरब से ज्यादा का बकायादार बताया गया है। विद्युत विभाग ने वसूली की कार्यवाही की चेतावनी भी दी है। विद्युत विभाग के इस भारी भरकम वसूली नोटिस से पालिका प्रशासन में बैचेनी का आलम है। पालिका के अफसर अब बीच का रास्ता तलाशने में जुटे नजर आ रहे हैं।

बता दें कि विद्युत विभाग के नगरीय खण्ड प्रथम और नगरपालिका परिषद् के बीच काफी समय से खींचतान चली आ रही है। इसकी शुरूआत उस समय हुई, जबकि विद्युत विभाग की ओर से पालिका प्रशासन से विद्युत उपभोग के लिए जारी बकाया बिल का भुगतान मांगते हुए टाउनहाल की लाइट काट दी गयी। इसके बाद पालिका प्रशासन की ओर से विद्युत वितरण नगरीय खण्ड-प्रथम के अधिशासी अभियंता को लगातार वसूली नोटिस जारी किये गये और अपना बकायादार बताया जाता रहा। इसी कड़ी में विद्युत विभाग ने ईओ आवास पर बकाया 3.96 लाख रुपये का बिल वसूलने के लिए आरसी जारी कर दी गयी थी। बाद में अफसरों के मौजूदगी में हुए समझौते में यह कार्यवाही विद्युत विभाग ने शिथिल करा दी थी।

अब 31 जुलाई को पालिका प्रशासन ने इस मामले में नया कदम उठाया और ईओ की ओर से विद्युत वितरण नगरीय खण्ड-प्रथम के अधिशासी अभियंता के द्वारा बकाया रकम जमा नहीं किये जाने पर विद्युत विभाग पर बकाया 12 करोड़ 76 लाख 46 हजार 689 रुपये की वसूली के लिए डीएम को आरसी नोटिस भेजकर धनराशि भू राजस्व की भांति वसूल कराने का अनुरोध किया गया। इससे विद्युत विभाग में हलचल मची है।

इस मामले में कार्यवाही करते हुए विद्युत विभाग की ओर से भी पालिका प्रशासन को करारा जवाब देने का काम किया गया है। विद्युत वितरण नगरीय खण्ड प्रथम के अधिशासी अभियंता ओपी मिश्रा की ओर से पालिका के अधिशासी अधिकारी को स्मरा पत्र-3 जारी किया है। इसमें एक्सईएन ओपी मिश्रा ने पालिका प्रशासन की ओर से विद्युत विभाग की आरसी जारी करने की कार्यवाही को खेदजनक बताते हुए कहा कि आरसी नोटिस में जो बकाया दिखाया जा रहा है, वह त्रुटिपूर्ण है। उनका आरोप है कि पालिका प्रशासन इस तरह की गलत कार्यवाही केवल इसलिए कर रहा है ताकि विद्युत आपूर्ति के लिए बकाया बिल का भुगतान न करना पड़ा। उन्होंने पालिका के नोटिस को द्वेषपूर्ण भावना से की गयी कार्यवाही करार देते हुए कहा कि नगरपालिका परिषद् की सीमा के अन्दर विद्युत विभाग के दूसरे विद्युत वितरण खण्डों से सम्बंधित विद्युत सब स्टेशन हैं, उन पर पालिका प्रशासन की ओर से भवन किराया या वार्षिक कर निर्धारित नहीं किया गया है। इससे स्पष्ट है कि केवल नगरीय खण्ड से जुड़े सब स्टेशनों के किराया निर्धारण में एक सोची समझी रणनीति को लेकर ही कार्यवाही की गयी है, उन्होंने पालिका प्रशासन की इस कार्यवाही को इण्डियन टेलीग्राफ एक्ट का पूर्णरूपेण उल्लंघन करार दिया है।

एक्सईएन ओपी मिश्रा ने ईओ को भेजे इस पत्र में पालिका परिषद् पर विद्युत बकाये के रूप में 2 अरब 52 करोड़ 47 लाख 40 हजार 653 रुपये की धनराशि का भुगतान करने की मांग भी की है। उन्होंने बताया कि पालिका प्रशासन पर विद्युत उपभोग के रूप में यह बकाया चल रहा है। इसमें नगरपालिका परिषद् के कार्यालय टाउनहाल का 1 करोड़ 82 लाख 03 हजार 82 रुपये, जलकल विभाग के 38 संयोजनों पर विद्युत आपूर्ति के लिए 1 अरब 13 करोड़ 52 लाख 89 हजार 718 रुपये और मार्ग प्रकाश के 09 विद्युत संयोजनों के लिए 1 अरब 37 करोड़ 12 लाख 47 हजार 829 रुपये बकाया हैं। उन्होंने ईओ को भेजे नोटिस में चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि विद्युत बिलों के बकाये को लेकर पालिका प्रशासन के खिलाफ कार्यवाही कर दी जाये तो पालिका प्रशासन के लिए असहज स्थिति उत्पन्न हो जायेगी। उन्होंने इस नोटिस में पालिका प्रशासन से यह मांग भी की है कि वह विद्युत विभाग के खिलाफ भेजी गयी 12.76 करोड़ रुपये की आरसी नोटिस की कार्यवाही को स्थगित करे, जिससे विवाद को पटाक्षेप किया जा सके।