मुजफ्फरनगर। राष्ट्रीय लोक अदालत में जिले में दो लाख 16 हजार 599 वादों का निस्तारण किया गया। इनमें मोटर दुर्घटना के 123 मामलों में 20 लाख 62 हजार 500 प्रतिकर के रूप में दिलाया गया।
लोक अदालत का शुभारंभ जनपद न्यायाधीश चवन प्रकाश ने दीप प्रज्वलित कर किया। जिला जज ने कहा कि लोक अदालत का उद्देश्य वादकारियों को सरल, सुलभ एवं त्वरित न्याय प्रदान करना है। वादकारी आपसी समझौते के आधार पर वाद का निस्तारण कराते है। इससे आपसी सौहार्द भी बना रहता है।
लोक अदालत के नोडल अधिकारी एडीजे शक्ति सिंह ने कहा कि न्याय सबके लिए की परिकल्पना को चरितार्थ करने का कार्य राष्ट्रीय लोक अदालत में हो रहा है। त्वरित न्याय का यह एक महत्वपूर्ण साधन है। लोक अदालत में निपटने वाले कुछ मामले दस वर्ष तक के हैं। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव मयंक जायसवाल ने बताया कि लोक अदालत में कुल दो लाख 16 हजार 599 वादों का निस्तारण हुआ है। पारिवारिक न्यायालयों में 63 वादों का निस्तारण हुआ।
26 लाख 50 हजार की धनराशि समझौते में दिलाई गई। 21 युगल साथ रहने को राजी हुए, जिन्हें खुशी के साथ विदा किया गया। मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के पीठासीन अधिकारी मलखान सिंह ने कुल 123 मामलों का निस्तारण कर 20 लाख 62 हजार 500 की धनराशि प्रतिकर के रूप में दिलाई।
डीएम चंद्र भूषण सिंह ने अपने न्यायालय में 19257 प्रकरणों का निस्तारण किया। बीएसएनएल के 53 मामलों में समझौते के आधार पर निस्तारण किया गया। बैंकों के ऋण के 1180 मामलों का निस्तारण हुआ। बैंकों में इन मामलों में दस करोड़ 69 लाख 31 हजार की धनराशि जमा होगी।
परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश पंकज अग्रवाल, एडीजे प्रथम जयसिंह पुंडीर, पीएनबी के सर्किल हैड विशाल अग्रवाल, एसबीआई के आएम दिग्विजय शर्मा, जिला बार के अध्यक्ष वसी अंसारी, सिविल बार के अध्यक्ष मनोज कुमार शर्मा, सुनील मित्तल आदि मौजूद रहे।