मुजफ्फरनगर: शहर के रुड़की रोड पर पालिका के एमआरएफ सेंटर के पास झुग्गी-झोपड़ियों में जीवन निर्वाह कर रहे खानाबदोश परिवार के मासूम बच्चे की नाले में गिरकर डूबने से मौत हो गई। यह नाला पालिका ने बनवाया था, जिसको बस्ती के बीच ही खुला छोड़ दिया गया। बच्चे की मौत से परिवार में कोहराम है। वहीं लोगों में पालिका प्रशासन के प्रति भी आक्रोश है, उन्होंने नाले को बंद कराये जाने की मांग जिला प्रशासन से की है।
शहर कोतवाली क्षेत्र के रुड़की रोड पर पुलिस चौकी और पालिका के एमआरएफ सेंटर के पास ही उत्तरी रामपुरी में मुख्य मार्ग पर सैंकड़ों खानाबदोश परिवार झुग्गी-झोपड़ियों में रह रहे हैं। इस परिवार का तीन साल का मासूम बच्चा, किसी की लापरवाही और अनदेखी का शिकार हो गया।
पिता जाॅनी ने बताया कि बस्ती के सभी परिवारों के बच्चे यहां से गुजर रहे खुले नाले के आसपास ही खेलते रहते हैं, बीती रात उनका तीन साल का बेटा भी अन्य बच्चों के साथ यहां पर खेल रहा था। इसी बीच बच्चा ना जाने कैसे नाले में गिर गया। इसके बारे में किसी को जानकारी नहीं मिली। नाला गहरा होने के कारण उनको पुत्र डूब गया। घर नहीं लौटने पर उसकी तलाश शुरू की गई तो उसका शव नाले में पड़ा मिला।
घटना के बाद न तो वार्ड सभासद और न ही कोई अधिकारी या दूसरे लोग बस्ती में पहुंचे। यहां पर बस्ती के बीच ही गन्दगी से लबालब खुला नाला है, इसका निर्माण पालिका के द्वारा कराया गया था। निर्माण के दौरान ठेकेदार को भी इसे बंद करने के लिए कहा गया था, उस समय बताया गया था कि यहां बस्ती के पास नाले पर स्लैब डालकर बंद कराया जायेगा, लेकिन नाला बंद नहीं हो पाया।
शहर कोतवाली प्रभारी इंस्पेक्टर महावीर सिंह चौहान ने बताया कि बच्चे की मौत के बारे में परिजनों ने पुलिस को कोई सूचना ही नहीं दी। वहीं जाॅनी के अनुसार, नाले से बच्चे के मिलने के बाद उसको अस्पताल ले जाया गया था। इसके बाद पुलिस कार्यवाही किये बिना ही उसका आज अंतिम संस्कार कर दिया गया। बस्ती के दूसरे लोगों ने खुले नाले को लेकर कड़ा आक्रोश जताया है और जिला प्रशासन से इस मामले में कार्यवाही करने तथा नाला बंद कराने की मांग की गई।