उत्तराखंड में बढ़ रहे कोरोना के नए मामले, प्रशासन का टेस्टिंग और वैक्सीनेशन पर जोर

New cases of corona rising in Uttarakhand, administration's emphasis on testing and vaccination
New cases of corona rising in Uttarakhand, administration's emphasis on testing and vaccination
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देहरादून: उत्तराखंड में इन दिनों कोरोना (Corona) के मामलों ने फिर से रफ्तार पकड़ ली है. पिछले 10 दिनों से कोरोना के मामलों में हुए इजाफे से टेंशन बढ़ गई है. राज्य में कोरोना के एक्टिव मामले 1180 के पार पहुंच गए हैं. स्वास्थ्य विभाग (Health Department) और सरकार का फोकस अधिक से अधिक वैक्सीनेशन और टेस्टिंग बढ़ाने पर है. उत्तराखंड में मंगलवार को कोरोना के 282 नए केस आए हैं. जो पिछले कई महीनों में सबसे ज्यादा मामलों में से हैं. अभी तक कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित जिला देहरादून है. हालांकि मैदान से लेकर पहाड़ तक कोरोना के मामले हर जिले में दर्ज हो रहे हैं.

धीरे-धीरे बढ़ रही कोरोना की रफ्तार

17 जुलाई को उत्तराखंड में 62 कोरोना के मामले आए
18 जुलाई को उत्तराखंड में 117 कोरोना के मामले आए
19 जुलाई को उत्तराखंड में 148 कोरोना के मामले आए
20 जुलाई को उत्तराखंड में 189 कोरोना के मामले आए, दो मौतें
21 जुलाई को उत्तराखंड में 183 कोरोना के मामले आए
22 जुलाई को उत्तराखंड में 201 कोरोना के मामले आए
23 जुलाई को उत्तराखंड में 260 कोरोना के मामले आए
24 जुलाई को उत्तराखंड में 142 कोरोना के मामले आए
25 जुलाई को उत्तराखंड में 182 कोरोना के मामले आए, एक मौत
26 जुलाई को उत्तराखंड में 282 कोरोना के मामले आए
प्रदेश में ये स्थिति तब है जब टेस्टिंग बहुत कम हो रही है, ये भी माना जा रहा है कि टेस्टिंग बढ़ी तो मामले और बढ़ सकते हैं. डॉक्टरों ने भी इस बात की चिंता जताई है और सभी को एक बार फिर पहले की तरह सतर्कता बरतने को कहा है.

कैसे करें कोरोना से बचाव, डॉक्टरों की सलाह
पहले जैसा सतर्क होने की जरूरत
भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क लगाकर जाएं
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें
हाथों को सैनिटाइज करते रहें
वैक्सीन की बूस्टर डोज लगा लें

कोरोना की बढ़ती रफ्तार बताती है कि राज्य में अभी कोरोना महामारी का ख़तरा बना हुआ है. स्वास्थ्य महानिदेशक शैलजा भट्ट का कहना है कि एक हफ्ते से राज्य में कोरोना के मामलों में इजाफा हुआ है. हालांकि कोई मरीज ज्यादा गंभीर नहीं है. पहले जैसी स्थिति अभी मरीजों में नहीं देखी गई है. शैलजा भट्ट ने यह जरूर कहा कि कोरोना फैलने की संभावनाएं ज्यादा हैं. हालांकि जिन लोगों को कोरोना का टीका लगा है, उनमें वायरस घातक नहीं है.