अब हरियाणा और यूपी पर केंद्रित हो रहा किसान आंदोलन, किसानों का बार्डर बंद पर…

Now the farmers' movement is focusing on Haryana and UP, the farmers' border is closed.
Now the farmers' movement is focusing on Haryana and UP, the farmers' border is closed.
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हिसार: तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहा आंदोलन अब हरियाणा के बाकी हिस्सों और उत्तर प्रदेश पर केंद्रित हाेता दिख रहा है। बार्डरों पर तंबू बरकरार है, लेकिन पहले जितने नहीं। यहां पर अब आंदोलनकारियों की संख्या घट चुकी है। हरियाणा के अलग-अलग जिलों में रोजाना किसी न किसी मसले को लेकर काल दी जा रही है, तो दूसरी तरफ आंदोलनकारियों द्वारा पांच सितंबर की रैली के जरिये मिशन उत्तर प्रदेश का आगाज भी किया जा चुका है, जाहिर है कि ऐसे में बार्डरों पर ज्यादा ध्यान नहीं है।

उधर, पंजाब से रोजाना सैकड़ों की संख्या में किसान ट्रेनों के जरिये टीकरी बार्डर पर पहुंचते हैं और इतनी ही संख्या में यहां से वापस भी जाते हैं। पंजाब से किसानों की यह आवाजाही तो अब केवल बार्डरों को बंद रखने का जरिया ही बन चुकी है, क्याेंकि बार्डरों पर आंदोलन में ठहरने वालों में अब ज्यादातर पंजाब के ही किसान हैं। हरियाणा के किसानों की संख्या तो यहां पर बेहद कम है। दूर तक फैले आंदोलन में कई जगहों पर तो वे पुराने तंबू भी नजर नहीं आ रहे हैं, जो हरियाणा के किसानों ने लगाए थे। वजह यह है कि आंदोलन उम्मीद से कहीं ज्यादा लंबा खिंच चुका है।

शुरुआत में जब आंदोलनकारियों ने यहां पर पड़ाव डाला तो दावा किया गया था कि वे छह महीने का राशन लेकर आए हैं, लेकिन अब छह महीने तो क्या नौ महीने भी निकल चुके हैं। धीरे-धीरे करके आंदोलन अपना एक साल पूरा करने की ओर बढ़ रहा है। अभी समाधान की संभावना भी नजर नहीं आ रही है। सरकार जो प्रस्ताव दे चुकी है, वह किसानों ने ठुकरा दिया था। उसके बाद सरकार के पास भी कोई नया प्रस्ताव नहीं है तो आंदोलनकारी भी पिछले कई महीनों से अपना ध्यान चुनावों पर ही टिकाए हुए हैं।

पहले पांच राज्यों के चुनाव को लेकर कई महीने तक इधर-उधर घूमते रहे और अब मिशन उत्तर प्रदेश और मिशन पंजाब का नारा दे रखा है। इन दोनों राज्यो में अगले साल होने वाले चुनावों को लेकर पार्टी विशेष के खिलाफ माहौल तैयार करने की कोशिश हो रही है।