राजस्थान में एक व्यक्ति एक पद का फार्मूला, होगा मंत्रिमंडल विस्तार का मंत्र, जाएगी कई की कुर्सियां

इस खबर को शेयर करें

जयपुर। राजस्थान में कैबिनेट विस्तार को लेकर हलचल तेज हो गई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) दिल्ली में जमे हुए हैं. पंजाब जैसी स्थिति न हो, इसलिए गांधी परिवार एक्टिव हो गया है. इसी बीच बताया जा रहा है कि कांग्रेस राजस्थान में ‘एक व्यक्ति, एक पद’ वाला फॉर्मूला लागू करने जा रही है. इस फॉर्मूले के लागू होने के बाद एक व्यक्ति किसी एक ही पद पर रह सकता है. इस फॉर्मूले का सबसे ज्यादा असर मुख्यमंत्री गहलोत पर होगा, क्योंकि उनके कई समर्थक मंत्रियों की कुर्सी जा सकती है.

सूत्रों ने बताया कि तीन सीनियर मंत्री रघु शर्मा, हरीश चौधरी और गोविंद डोटासरा की कुर्सी जा सकती है. शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं. वहीं, स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा गुजरात और राजस्व मंत्री हरीश चौधरी पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हैं. हालांकि, बताया जा रहा है कि तीनों ने खुद से ही मंत्रिमंडल से मुक्त होने की इच्छा जताई है. तीनों का कहना है कि उन्हें संगठन में काम करना है, इसलिए मंत्री पद से मुक्त किया जाए.

इसके बाद मंत्रिमंडल में इन तीन मंत्रियों की जगह मिलाकर कुल 12 पद खाली हो जाएंगे. सूत्रों के मुताबिक, इन जगहों पर सचिन पायलट (Sachin Pilot) गुट के कुछ विधायकों को एडजस्ट किया जाएगा. कैबिनेट विस्तार (Cabinet Expansion) के अलावा कुछ राजनीतिक नियुक्तियां भी होनी हैं.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बुधवार को अजय माकन, कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) के साथ लंबी मीटिंग हुई. आज उन्होंने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से मुलाकात की. इस मीटिंग के बाद गहलोत ने कहा, ‘थोड़ा सब्र रखें. सब सामने आएगा. हाई कमान तय करेगा कि विस्तार कब करना है. हमने ये फैसला हाई कमान पर छोड़ दिया है.’

सोनिया और गहलोत की मीटिंग में अजय माकन भी मौजूद थे. इस मीटिंग के बारे में बताया, ‘हमारे बीच राजस्थान के मौजूदा राजनीतिक हालातों को लेकर चर्चा हुई. साथ ही अगले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस दोबारा सत्ता में कैसे वापसी करे, इसके रोडमैप को लेकर भी बात की. इसके अलावा हाल ही में उपचुनावों में आए नतीजों को लेकर भी चर्चा की गई.’

राजस्थान में काफी समय से कैबिनेट विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर मामला उलझा हुआ है. इसे लेकर अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच तनातनी भी चल रही थी.