ED के सामने पेश हुए राजस्थान के CM अशोक गहलोत के बेटे वैभव, जानिए पूरा मामला

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नई दिल्ली : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश हुए। फेमा मामले में उन्हें ईडी के सामने पेश होना पड़ा। कांग्रेस नेता इससे पहले 27 अक्टूबर को ईडी के समन में शामिल नहीं हुए थे और 30 अक्टूबर तक का समय मांगा था। वैभव सुबह करीब 11.40 बजे ईडी मुख्यालय पहुंचे और सीधे अंदर चले गए।

फेमा मामलों को लेकर पहुंचे ED दफ्तर
संघीय एजेंसी ने वैभव को फेमा के प्रावधानों के तहत समन जारी कर उन्हें दिल्ली के एपीजे अब्दुल कलाम रोड पर स्थित ईडी मुख्यालय में पेश होने को कहा था। इस समन का संबंध राजस्थान स्थित आतिथ्य क्षेत्र से जुड़े समूह ‘ट्राइटन होटल्स एंड रिसॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड’ से जुड़ा है। इसके अलावा ‘वर्धा एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड’ और इसके निदेशकों और प्रमोटर शिव शंकर शर्मा, रतन कांत शर्मा और अन्य के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की ओर से हाल में मारे गए छापों से है।

क्या है वैभव गहलोत से जुड़ा मामला
एजेंसी ने अगस्त में तीन दिनों तक जयपुर, उदयपुर, मुंबई और दिल्ली में समूह और उसके प्रमोटर से जुड़े परिसरों पर छापे मारे थे। वैभव गहलोत के साथ रतन कांत शर्मा के कथित संबंध प्रवर्तन निदेशालय की जांच के दायरे में हैं। वैभव से फेमा के तहत पूछताछ किए जाने और उनका बयान दर्ज किए जाने की चर्चा है। रतन कांत शर्मा कार किराये पर देने वाली एक कंपनी में वैभव गहलोत के कारोबारी साझेदार हैं। अशोक गहलोत और कांग्रेस ने प्रवर्तन निदेशालय के इस कदम को राजनीति से प्रेरित बताया है।

सीएम गहलोत ने ईडी के एक्शन पर उठाए थे सवाल
अशोक गहलोत ने गुरुवार को अपने बेटे को केंद्रीय एजेंसी की ओर से जारी किए गए समन के बारे में बताया था। इसमें उन्हें विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) मामले में ED के सामने पेश होने के लिए कहा गया था। बीजेपी सरकार की आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री ने राजस्थान में ईडी की तलाशी के समय पर सवाल उठाया था, जिसमें राज्य इकाई प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा के परिसर और उनके बेटे को समन जारी करना भी शामिल था। राजस्थान में 200 सदस्यीय विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 25 नवंबर को होना है, इसके बाद 3 दिसंबर को वोटों की गिनती होगी।