मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर में भाकियू की सभा में किसानों की समस्याओं और मुद्दों पर विचार विमर्श हुआ। भाकियू प्रवक्ता चौ. राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार के खिलाफ बड़े आंदोलन की जरूरत है। उन्होंने बिजली विरोधी नीति पर मेरठ में एमडी कार्यालय पर 27 जून को महापंचायत की घोषणा की। इससे पूर्व 16 से 18 जून तक हरिद्वार में भाकियू का शिविर आयोजित होगा जिसमें किसानों की समस्याओं एवं मुद्दों पर विचार विमर्श होगा और आगे के आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी।
शनिवार को महावीर चौक स्थित भाकियू कार्यालय पर आयोजित भाकियू की सभा में राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने सरकार विरोधी सुर दिखाते हुए कहा कि सरकार किसानों को मुफ्त बिजली देकर ट्यूबवेल पर मीटर लगा रही है। सरकार वह फार्मूला बताए जिससे मीटर लगाकर फ्री बिजली दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि किसानों की आवाज दबाकर सरकार उनका भला कैसे कर सकती है। बिजली विरोधी नीति पर उन्होंने 27 जून को एमडी कार्यालय मेरठ में महापंचायत की घोषणा की।
महापंचायत से पूर्व 16 से 18 जून तक हरिद्वार में भाकियू का ग्रीष्मकालीन शिविर आयोजित होगा, जिसमें किसानों के विभिन्न मुद्दों, समस्याओं पर विचार विमर्श होगा और आगे के आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि उन्हें जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा नहीं लेकिन जहां भी वह जाएं, पुलिस मुस्तैदी से देखरेख करे। उन्होंने कहा कि उन पर 17-18 हमले हो चुके हैं, लेकिन आज तक कोई सुरक्षा उन्हें नहीं दी गई। एक दिन पूर्व मेरठ के जंगेठी गांव पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने आशंका जताई थी कि सरकार उनकी हत्या कराना चाहती है। उन्होंने कर्नाटक में हुए हमले को सोची समझी साजिश करार दिया था।
उन्होंने कहा था कि दिल्ली में भी उनकी हत्या किये जाने की प्लानिंग रची गई थी। दिल्ली पुलिस ने उन्हें दूसरे गेट से बाहर निकाल दिया था। उन्होंने कहा कि बेंग्लुरू में स्याही नहीं फेंकी गई बल्कि उन पर हमला हुआ। जान से मारने की धमकी दी गई। उन पर हमला करने वाले एक ही विचारधारा के लोग हैं। उनका आंदोलन नहीं होगा। राकेश टिकैत ने बताया कि जानसठ के गांव जंधेड़ी में गलत तरीके की गई बिजली विभाग की छापेमारी का मामला सुलझा दिया गया है। ओमपाल मलिक, नवीन राठी, विकास शर्मा, चौधरी शक्ति सिंह, चांदवीर फौजी, कुलदीप त्यागी, विकास चौधरी, संजीव पवार, अमरजीत, एहसान त्यागी, विजेंद्र बालियान, मांगेराम त्यागी, जोगिंदर पहलवान, अशोक घटायान, राजू पीना आदि ने भी अपने विचार रखें। सभा में सैकड़ों किसान व भाकियू पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित रहे।