![RBI's big step for all bank customers, the limit for depositing money will change! RBI's big step for all bank customers, the limit for depositing money will change!](https://aajkinews.net/wp-content/uploads/2024/06/Screenshot_196-581x381.jpg)
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What is Bank Bulk Deposit Limit: अगर आप भी अक्सर बैंक में पैसा जमा करते हैं तो यह खबर आपके काम की है. आरबीआई (RBI) गवर्नर शक्तिकांत दास ने रीजनल रूरल बैंक (RBI) के अलावा ट्रेडिशनल बैंक और स्मॉल फाइनेंस बैंक (SFB) में थोक जमा की परिभाषा में बदलाव करने का प्रस्ताव दिया है. इस प्रस्ताव के तहत अब ग्राहक 3 करोड़ तक की जमा या एफडी कर सकेंगे. अभी तक यह लिमिट दो करोड़ रुपये की थी. इस बदलाव का मकसद बैंकों में जमा होने वाली बड़ी रकम को आसानी से दो हिस्सों में बांटना है.
अभी बड़ी जमा राशि की लिमिट 2 करोड़ रुपये
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की वेबसाइट के अनुसार अभी बड़ी जमा राशि की सीमा 2 करोड़ रुपये है. अगर यह बदलाव लागू होता है तो यह लिमिट 2 करोड़ रुपये से बढ़कर 3 करोड़ रुपये हो जाएगी. रिजर्व बैंक ने कहा है कि बैंक बड़ी जमा पर अलग-अलग ब्याज दे सकते हैं. यह इस पर निर्भर करेगा कि बैंक को पैसों की कितनी जरूरत है और वे किस तरह से अपने लेन-देन का मैनेजमेंट करना चाहते हैं.’ इन बदलावों को बैंकिंग नियमों को बदलते बाजार के हिसाब से ढालने के लिए किया जा रहा है.
जमा राशि या लोन पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा
एक्सिस बैंक के डिप्टी एमडी राजीव आनंद ने इस प्रस्ताव के बारे में कहा कि बड़ी जमा राशि की लिमिट बढ़ाकर 2 करोड़ से 3 करोड़ करना अभी बहुत जरूरी नहीं है. यह महज परिभाषा को बदलने जैसा है. इसलिए जमा राशि या लोन पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा. उन्होंने बाजार की मौजूदा स्थिति के बारे में बात करते हुए कहा, अभी ऐसा लग रहा है कि मार्केट दो हिस्सों में बंटा हुआ है. एक तरफ लॉन्ग टर्म बॉन्ड मार्केट में काफी तेजी है. दूसरी तरफ, अगर आप एक साल तक की जमा राशि पर मिलने वाली ब्याज दर को देखें, तो वो अभी भी काफी ज्यादा है.
आनंद ने बाजार के बदलने के साथ बैंकों के लिए लिक्विडिटी मैनेजमेंट के महत्व को बताया और आने वाले समय में आसानी की उम्मीद जताई. बड़ी जमा राशि की परिभाषा बदलने के प्रस्ताव पर यूको बैंक के एमडी और सीईओ अश्विनी कुमार ने कहा, ‘जहां तक बड़ी जमा राशि की बात है तो यह एक सुधार है. अब सिर्फ 3 करोड़ रुपये से कम की जमा को रिटेल टर्म डिपॉजिट माना जाएगा और इससे ज्यादा के अमाउंट को बड़ी जमा माना जाएगा.