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Sanjeev Jiva Murder: लखनऊ कोर्ट में बुधवार (7 जून) को मारे गए गैंगस्टर संजीव जीवा की पत्नी पायल माहेश्वरी सुप्रीम कोर्ट पहुंची और वहां पर उन्होंने अपने लिए सुरक्षा की मांग की. उन्होंने कहा कि उनके पति की लखनऊ कोर्ट में गोली मारकर हत्या कर दी गई और उनकी जान को भी खतरा है.
उन्होंने कहा, उनको पुलिस की गिरफ्तारी से राहत दी जाए नहीं तो उनके पति की तरह उनकी भी हत्या की जा सकती है. जेल या पेशी के दौरान हत्या कराए जाने को लेकर पायल ने अंतरिम जमानत की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए उनसे एक अतिरिक्त हलफनामा दायर करने को कहा है.
वहीं यूपी सरकार ने अदालत को बताया कि संजीव का आज अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा. यूपी सरकार की वकील गरिमा प्रसाद ने आगे कहा कि जीवा की पत्नी को अंतिम संस्कार में शामिल होने पर सरकार को कोई आपत्ति नहीं है. वह मानवता के आधार पर उनको अंतिम संस्कार में शामिल होने की इजाजत दे देगी.
कौन है संजीव जीवा?
संजीव जीवा एक समय में गैंगस्टर और उसके बाद नेता बने मुख्तार अंसारी का सहयोगी था. बुधवार (7 जून) को जीवा की लखनऊ जिला अदालत में कोर्ट रूम के अंदर ही वकील की पोशाक पहनकर एक 19 साल के लड़रे ने गोली मार दी. इस घटना के तुरंत बाद अदालत पहुंचे एक सीनियर पुलिस ऑफिशियल ने बताया, “लखनऊ जेल में संजीव माहेश्वरी जीवा को एक मामले में सुनवाई के लिए अदालत लाया गया था जहां अज्ञात हमलावर ने गोली मारकर उसकी हत्या कर दी.”
पुलिस ने बताया कि इस हमले में दो साल की एक लड़की और एक पुलिस कांस्टेबल को भी गोली लगी है. लड़की को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है, जबकि पुलिस कांस्टेबल के दांये पैर में गोली लगी है और उसकी हालत स्थिर है.
मुख्तार अंसारी गिरोह का कुख्यात सदस्य जीवा (48) पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले का निवासी था. वह बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय और उत्तर प्रदेश में बीजेपी के मंत्री रहे ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या का आरोपी था और उस पर हत्या, धोखाधड़ी और आपराधिक षड़यंत्र के दो दर्जन मामले दर्ज थे.
क्या बोली यूपी पुलिस?
अपर पुलिस महानिदेशक (लखनऊ जोन) पीयूष मोर्डिया ने कहा, जब हमलावर ने गोली चलाई, उस समय जीवा विशेष एडीजे की अदालत के बाहर गलियारे में अपनी पेशी की बारी आने की प्रतीक्षा कर रहा था. राज्य सरकार के अधिकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी (विशेष जांच टीम)गठित करने का निर्देश दिया है. उन्होंने बताया कि एसआईटी को एक सप्ताह के भीतर जांच पूरी करने को कहा गया है.