उत्तराखंड में धर्मांतरण कानून सख्त करने पर संत समाज खुश, धामी सरकार की जमकर तारीफ

Sant samaj happy on tightening conversion law in Uttarakhand, praises Dhami government
Sant samaj happy on tightening conversion law in Uttarakhand, praises Dhami government
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देहरादून: उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand) ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में धर्मांतरण कानून (Anti Conversion Law) को मंजूरी दे दी है. अब उत्तराखंड में जबरन धर्म परिवर्तन कराने वालों के खिलाफ कानूनी रूप से और सख्त कार्रवाई हो सकेगी. इस कानून के पास होने के बाद सोशल मीडिया में जहां मुख्यमंत्री धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ट्रेंड कर रहे हैं, वहीं साधु-संतों ने भी मुख्यमंत्री व राज्य सरकार के इस फैसले की तारीफ की है.

उत्तराखंड में जबरन धर्मांतरण कराने वालों को और सख्त सजा दी जाएगी. इसके लिए 2018 के कानून को और सख्त कर दिया गया है. नए कानून के तहत, जबरन धर्मांतरण कराने वाले दोषी को 10 साल की जेल और 50 हजार रुपये के जुर्माने की सजा होगी साथ ही पीड़ित को भी मुआवजा देना होगा. जबरन धर्म परिवर्तन के दोषियों के लिए सजा को भी पहले से बढ़ा दिया गया है. उत्तराखंड विधानसभा ने बुधवार को कड़े प्रावधानों वाला धर्मांतरण रोधी संशोधन विधेयक पारित कर दिया, जिसमें जबरन धर्म परिवर्तन के दोषियों के लिए तीन साल से लेकर 10 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है.

इस कानून को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अब उत्तराखंड में कोई जबरन धर्मांतरण नहीं कर पाएगा. अगर कोई भी ऐसा करते पाया जाता है तो उसे 10 साल तक की सजा हो सकती है. धामी सरकार के फैसले का संत समाज ने खुले दिल से स्वागत किया है. स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा कि इस फैसले से पूरे भारत में एक विशेष प्रकार का उत्साह है. इसी तरह वासुदेवा नंद महाराज ने कहा कि जबरन धर्मांतरण पर प्रतिबंध से न केवल राज्य बल्कि पूरे देश में अच्छा संदेश जाएगा.

संत समाज ने जताई फैसले पर खुशी
स्वामी परमात्मानंद ने कहा कि छल कपट या जोर जबरदस्ती से होने वाला धर्मांतरण एक बड़ा अपराध है, जो केवल सख्त सजा के प्रावधान से ही रोका जा सकता है. उन्होंने सरकार के इस फैसले को मील का पत्थर बताया. साध्वी प्राची ने धर्मांतरण कानून को एक बड़ी पहल बताया. बालकानंद जी महाराज ने कहा कि धर्मांतरण कानून देश हित और समाज हित में है. स्वामी रविंद्र पुरी इस कानून से हिंदू समाज को नई दिशा मिलने की बात कही. उन्होंने कहा कि अन्य प्रदेशों को भी इसी प्रकार के कानून और सख्त सजा के प्रावधान लाकर हिंदू धर्म की रक्षा करनी चाहिए. संत समाज इससे पहले उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड के लिए कमेटी बनाने के फैसले पर भी खुशी जता चुका है.