छत्तीसगढ़ में आज से खुलेंगे स्कूल, सीएम भूपेश बघेल ने दी बच्चों को बधाई, जारी किए निर्देश

Schools will open in Chhattisgarh from today, CM Bhupesh Baghel congratulated the children, issued instructions
Schools will open in Chhattisgarh from today, CM Bhupesh Baghel congratulated the children, issued instructions
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दुर्ग: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल(Bhupesh Baghel) ने 26 जून यानी आज से शुरू हो रहें नए शिक्षा सत्र और शाला प्रवेशोत्सव पर सभी को बच्चो और शिक्षकों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी है. मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की है कि सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं नए शिक्षा सत्र के शुभारंभ, शाला प्रवेशोत्सव को सार्थक बनाते हुए नई ऊर्जा और नए संकल्प के साथ शिक्षा दान के कार्य में पूरे समर्पण के साथ जुट जाएंगे. पिछले वर्ष राज्य में 5173 बालवाड़ियां प्रारंभ की गई थी, इस वर्ष 4318 बालवाड़ियां और खोली जा रही है. अब इनकी संख्या बढ़कर 9491 हो जाएगी.

जानिए सीएम बघेल ने अपने संदेश में क्या कहा
मुख्यमंत्री बघेल ने अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि प्रदेश के सभी स्कूलों में प्रवेशोत्सव मनाकर नन्हें-मुन्ने बच्चों का स्वागत और अभिनंदन किया जाए. मुख्यमंत्री ने सभी जनप्रतिनिधियों और आमजनों से अनुरोध किया है कि शाला प्रवेश के दिन अपने नजदीक के विद्यालय में जाकर बच्चों का मनोबल बढ़ाएं और समय-समय में स्कूल जाकर शिक्षकों के साथ शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता को सुधारने में लगातार सहयोग भी करें.

सीएम बघेल ने दिए यह निर्देश
इस वर्ष स्कूल खुलते ही बच्चों को निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें गणवेश इत्यादि प्रदान करने तथा कक्षा नवमीं में प्रवेश लेने वाली छात्राओं को निःशुल्क सायकल प्रदान करने की व्यवस्था की गई है. नए शिक्षा सत्र प्रारंभ होने के साथ ही हमें शिक्षा की गुणवत्ता शिक्षा के प्रति जन-जन का लगाव बढ़ाने का अवसर मिल रहा है. हमारा यह संकल्प है कि प्रदेश में उत्कृष्ट शिक्षा का वातावरण तैयार करने के लिए सभी व्यवस्थाएं स्कूल खुलने के पहले दिन से ही सुनिश्चित हों.

छत्तीसगढ़ में 20 भाषा- बोलियों में पुस्तकें तैयार की गई है
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा है कि प्रदेश में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय योजना के तहत अंग्रेजी माध्यम के 377 और हिन्दी माध्यम के 350 स्कूल शुरू किए गए हैं. इन विद्यालयों की लोकप्रियता निजी स्कूलों से भी कहीं बेहतर है. हमारी सरकार ने बच्चों को अंग्रेजी भाषा सीखाने पर विशेष ध्यान दिया है, ताकि वे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में पूरे आत्मविश्वास के साथ खड़े हो सके. वहीं दूसरी ओर हमने बच्चों की शिक्षा-दीक्षा स्थानीय बोलियों में करने की व्यवस्था भी की है. प्रदेश में 20 भाषा-बोलियों में द्वि-भाषीय पुस्तकें तैयार की गई है. जिससे छत्तीसगढ़ में रहने वाले बच्चों को अपनी मातृभाषा में पढ़ाई की शुरूआत करने का अवसर मिल सके.