सिसोदिया ने जेल से लिखा लेटर-PM मोदी को कम पढ़ा-लिखा कहकर देश के लिए खतरनाक बताया, केजरीवाल ने किया वायरल

Sisodia wrote a letter from jail, calling PM Modi less educated and dangerous for the country, Kejriwal made it viral
Sisodia wrote a letter from jail, calling PM Modi less educated and dangerous for the country, Kejriwal made it viral
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नई दिल्ली. जेल में बंद AAP नेता मनीष सिसोदिया ने देश की जनता को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र की एजुकेशन पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि मोदी शिक्षा के महत्व को नहीं समझते हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा ट्विटर पर पोस्ट किए गए पत्र में पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा, “अगर प्रधानमंत्री कम पढ़े-लिखे हैं, तो यह देश के लिए बहुत खतरनाक है।”

पढ़िए और क्या लिखा मनीष सिसोदिया ने अपने लेटर में?

सिसोदिया ने पत्र में दावा किया, “(नरेंद्र) मोदी साइसं को नहीं समझते हैं…मोदी जी शिक्षा के महत्व को नहीं समझते हैं।” उन्होंने कहा, “भारत की प्रगति के लिए शिक्षित प्रधानमंत्री होना जरूरी है।” बता दें कि सीबीआई ने 26 फरवरी को सिसोदिया को (अब कैंसल) की जा चुकी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के फॉर्मूलेशन और इम्पलिमेंटेशन में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में गिरफ्तार किया था।

तिहाड़ जेल से देशवासियों के नाम मनीष सिसोदिया का लेटर

आज हम 21शवीं सदी में जी रहे हैं। दुनिया भर में विज्ञान और टेक्नोलॉजी में, हर रोज नई तरक्की हो रही है। सारी दुनिया ऑफिशियल इंटेलीजेंस (AI) की बात कर रही है। ऐसे में जब मैं प्रधानमंत्री जी को ये कहते हुए सुनता हूं कि गंदे नाले में पाइप डालकर उसकी गंदी गैस से साथ था खाना बनाया जा सकता है, तो मेरा दिल बैठ जाता है। क्या नाली की गंदी गैस से चाय या खाना बनाया जा सकता है? नहीं! जब प्रधानमंत्री जी कहते हैं कि बादलों के पीछे उड़ते जहाज को रडार नहीं पकड़ सकता है, तो पूरी दुनिया के लोगों में वो हास्य के पात्र बनाते है। स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ने वाले बच्चे उनका मज़ाक बनते हैं।

उनके इस तरह के बयान देश के लिए बेहद खतरनाक हैं। इसके कई नुकसान हैं-जैसे पूरी दुनिया को पता चल जाता है कि भारत के प्रधानमंत्री कितने कम पढ़े-लिखे हैं और उन्हें विज्ञान की बुनियादी जानकारी तक नहीं है। दूसरे देशों के राष्ट्र अध्यक्ष जब प्रधानमंत्री जी से गले मिलते हैं, तो एक-एक झप्पी की भारी कीमत लेकर चले जाते हैं। बदले में न जाने कितने कागजों पर साइन करवा लेते हैं, क्योंकि प्रधानमंत्री जी तो समझ ही नहीं पाते थे, क्योंकि वो तो कम पढ़े-लिखे हैं।

आज देश का युवा aspirational है। वो कुछ करना चाहता है। वो अवसर की तलाश में है। वो दुनिया जीतना चाहता है। साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में वो कमाल करना चाहता है। क्या एक कम पढ़ा-लिखा प्रधानमंत्री आज के युवा के सपनों को पूरा करने की क्षमता रखता है? हाल के वर्षों में देश भर में 60,000 सरकारी स्कूल बंद कर दिए गए। क्यों?

एक तरफ देश की आबादी बढ़ रही है, तो सरकारी स्कूलों की संख्या तो बढ़नी चाहिए थी? अगर सरकारी स्कूलों का स्तर अच्छा कर दिया जाता, तो लोग अपने बच्चों को प्राइवेट से निकाल कर सरकारी स्कूल में भेजना शुरू कर देते, जैसा कि अब दिल्ली में होने लगा है। लेकिन देश भर में सरकारी स्कूलों का बंद होना खतरे की घंटी है। इससे पता चलता है कि शिक्षा सरकार की प्राथमिकता है ही नहीं? अगर हम अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं देंगे, तो क्या भारत तरक्की कर सकता है? कभी नहीं?

मैने प्रधानमंत्री मोदी जी का एक वीडियो देखा था, जिसमें वो गर्व के साथ कह रहे हैं कि वे पढ़े-लिखे नहीं हैं। केवल गांव के स्कूल तक ही उनकी शिक्षा हुई। क्या अनपढ़ या कम पढ़ा-लिखा होना गर्व की बात है? जिस देश के प्रधानमंत्री को कम पढ़े-लिखे होने पर गर्व हो, उस देश में एक आम आदमी के बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा का कभी इंतज़ाम नहीं किया जाएगा। हाल के वर्षों में 60,000 सरकारी स्कूलों को बंद किया जाना इस बात का जीता जागता प्रमाण है। ऐसे में मेरा भारत कैसे तरक्की करेगा? आप अपनी छोटी सी कंपनी के लिए एक मैनेजर रखने के लिए भी एक पढ़े-लिखे व्यक्ति को ही ढूंढ़ते हैं। क्या देश के सबसे बड़े मैनेजर को पढ़ा लिखा नहीं होना चाहिए?