हिमाचल में आज होगी नामांकन पत्रों की छंटनी, 631 उम्मीदवार हैं चुनाव मैदान में

Sorting of nomination papers will be done in Himachal today 631 candidates are in the fray
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शिमला: हिमाचल में विधानसभा चुनाव के लिए आज प्रत्याशियों के नामांकन पत्रों की छंटनी होगी। 631 उम्मीदवारों ने चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र भरा है। अब इनमें से कितनों ने सही और कितनों के नामांकन में त्रुटियां हैं, हिमाचल चुनाव विभाग की ओर से इसकी जानकारी साझा की जाएगी।

राजनीतिक भविष्य पर महेश्वर सिंह आज लेंगे फैसला
कुल्लू सदर से पूर्व सांसद महेश्वर सिंह का टिकट कट जाने के बाद महेश्वर सिंह ने आजाद प्रत्याशी के तौर पर नामांकन भरा है। जिससे कुल्लू सदर से भाजपा की सीट खतरे में है। महेश्वर सिंह टिकट कट जाने के बाद अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर वीरवार को फैसला करेंगे। भुंतर के हाथीथान में उनके समर्थक भी जुड़ेंगे। महेश्वर सिंह को मनाने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के भी कुल्लू आने की अटकलें लगाई जा रही है।

रामपुर में प्रत्याशी से जुडे़ एससी, एसटी विवाद में दम नहीं
सह प्रभारी देविंद्र सिंह राणा ने कहा कि रामपुर में प्रत्याशी को लेकर हुए एससी और एसटी विवाद में कोई दम नहीं है। उन्होंने कहा कि इसे बेवजह तूल दिया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि रामपुर में कौल नेगी को टिकट देने के मामले में यह विवाद खड़ा हुआ है कि जब वह मूल रूप से किन्नौर के निवासी हैं और अनुसूचित जनजाति से ताल्लुक रखते हैं तो वह कैसे अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट से प्रत्याशी हो सकते हैं। हालांकि कौल नेगी के पास अब अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र है। इस पर राणा ने कहा कि एक वक्त में प्रत्याशी एक प्रकार का लाभ ले सकता है।

भाजपा के सह प्रभारी बोले, कुर्सी खाली है तो दो-चार दिन बैठो, फिर वापस जाना
इसके लिए उनके जिताऊ होने और जनता की भावनाओं का सम्मान भी आधार रहा है। राणा ने कहा कि भाजपा ने तो परिवारवाद का सिलसिला खत्म किया है। कांग्रेस की स्थिति रेत के एक ढेर की तरह हो गई है। इससे छिटककर नेता अब भाजपा में आ रहे हैं। आने वाले दिनों में ऐसा भी हो सकता है कि सभी नेता भाजपा में आ जाएं और कांग्रेस में कुछ भी न रहे। सभी नामांकनों को भरने के बाद भाजपा के प्रत्याशी अब पूरे जोरों-शोरों से प्रचार में जुट गए हैं।

रामायण में भरत का रोल करने आए हैं खरगे : राणा
भाजपा के प्रदेश सह प्रभारी देविंद्र सिंह राणा ने कहा है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे रामायण में भरत का रोल करने के लिए आए हैं। कुर्सी खाली है तो दो-चार दिन बैठो, फिर वापस जाना है। पर भारत में परिवारवाद को खारिज किया गया है। हिमाचल प्रदेश में परिवारवाद के मुद्दे पर भाजपा के बैकफुट पर आने के सवाल को टालते हुए उन्होंने कहा कि विभिन्न सर्वेक्षणों के आधार पर ही भाजपा ने अपने प्रत्याशी तय किए हैं।

पीएम मोदी 5 नवंबर को सोलन के ठोडो मैदान में जनसभा को करेंगे संबोधित
उधर, इसके बारे में हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष प्रो. वीरेंद्र कश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी 5 नवंबर को सोलन के ठोडो मैदान में जनसभा को संबोधित करेंगे। इसमें शिमला लोकसभा क्षेत्र के सभी विधानसभा प्रत्याशियों के पक्ष में यह जनसभा होगी।

सोलन में मोदी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में की थी जनसभा
इसके अलावा मंडी में उन्होंने कार्यकर्ताओं को वर्चुअली संबोधित किया था। विधानसभा चुनाव को देखते हुए दशहरे के बहाने कुल्लू में भी मोदी आ चुके हैं। इससे पहले सोलन में मोदी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान जनसभा की थी। उसके बाद वह पहली बार सोलन आएंगे।

शिमला और सिरमौर के केंद्र में सोलन जिला
सोलन जिला शिमला और सिरमौर के केंद्र में पड़ता है। लिहाजा यहां पर ही प्रधानमंत्री समेत केंद्रीय नेताओं की रैलियां और जनसभाएं आयोजित की जाती हैं। इससे पहले मोदी निचले हिमाचल में रैलियां और जनसभाएं कर चुके हैं। बिलासपुर, ऊना, चंबा में चुनावी हुंकार भर चुके हैं।

प्रधानमंत्री सोलन, शिमला और सिरमौर के प्रत्याशियों के पक्ष में करेंगे जनसभा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 नवंबर को सोलन में चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगे। उनका दौरा लगभग तय हो चुका है। मोदी ठोडो मैदान में शिमला लोकसभा क्षेत्र के सोलन, शिमला और सिरमौर के सभी 17 विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशियों के पक्ष में दोपहर के समय जनसभा करेंगे।

22 अक्तूबर को बिलासपुर पहुंचे थे जेपी नड्डा
पूरे समय में नड्डा के आवास पर बैठकों का दौर जारी रहा। युवा मोर्चा से लेकर भाजपा मंडल, अनुसूचित मोर्चा व सामान्य कार्यकर्ताओं से खुद नड्डा रूबरू हुए और उन्हें जीत का मंत्र दिया। बताते चलें कि जेपी नड्डा परिवार और कार्यकर्ताओं के साथ दिवाली मनाने 22 अक्तूबर को बिलासपुर पहुंचे थे।

रूठों को मनाने की कवायद जारी
बिलासपुर के विजयपुर में अपने आवास पर रूठों को मनाने की कवायद जारी है। इसमें भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष कितना सफल हो पाए हैं, यह जल्द ही पता चलेगा। लेकिन, इन पांच दिनों में प्रदेश में विधानसभा चुनाव को अपने हक में करने के लिए नड्डा ने पूरी रणनीति तैयार की है। बिलासपुर की चारों सीटें जीतने के लिए नड्डा ने जिले के चार मंडलों के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से लगातार बैठकें की।

भाजपा के नेता बगावत कर निर्दलीय चुनाव मैदान में
बिलासपुर समेत प्रदेश के कई जिलों में भाजपा के नेता बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। बड़ी बात यह है कि नड्डा के अपने गृह जिला बिलासपुर में दो विधानसभा सीटों पर बगावत हुई है। सदर से सुभाष शर्मा तो झंडूता से राजकुमार कौंडल ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोला है। दोनों बतौर निर्दलीय चुनावी मैदान में हैं। झंडूता से राजकुमार कौंडल भाजपा के पूर्व मंत्री रिखी राम कौंडल के पुत्र हैं। प्रदेश में भाजपा की बगावत को शांत करने का मोर्चा खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष ने संभाला है।

बिलासपुर में ही डटे जेपी नड्डा
पिछले पांच दिनों से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा बिलासपुर में ही डटे हुए हैं। भले ही उनका यह दौरा निजी हो और दिवाली मनाने के लिए अपने घर आए हों, लेकिन अंदर खाते बागियों को मनाने में डटे हैं। वीरवार को नामाकन पत्रों की छंटनी है, ऐसे में टिकट कटने और टिकट न मिलने से नाराज भाजपा नेता जो निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे हैं, उनको मनाने की कोशिश जारी है।

केंद्रीय नेता डैमेज कंट्रोल करने को लेकर हिमाचल में
भाजपा और कांग्रेस पार्टी के केंद्रीय नेता डैमेज कंट्रोल करने को लेकर हिमाचल में है। पार्टी से टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशियों को मनाने की पूरी कोशिश की जा रही है। बिलासपुर, करसोग, नाहन, कुल्लू, शिमला आदि विधानसभा क्षेत्रों में यह सब चल रहा है। अब वरिष्ठ नेताओं की ओर से इन निर्दलीय प्रत्याशियों को तरह-तरह की लुभावनी बातें कही जा रही हैं।

हिमाचल में विधानसभा चुनाव के लिए आज प्रत्याशियों के नामांकन पत्रों की छंटनी होगी। 631 उम्मीदवारों ने चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र भरा है। अब इनमें से कितनों ने सही और कितनों के नामांकन में त्रुटियां हैं, हिमाचल चुनाव विभाग की ओर से इसकी जानकारी साझा की जाएगी। गलत भरे गए नामांकन रद्द हो जाएंगे। 29 अक्तूबर को प्रत्याशी अपने नामांकन वापस ले सकेंगे। इसके चलते हिमाचल में भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता पार्टी से बागी हुए नेताओं को मनाने में जुटे हैं।