नैनीताल में ऐसी आग पहले नहीं दिखी… हर रास्ते पर जल रहे जंगल, हाई अलर्ट जारी, हेलिकॉप्टर से बरसया जा रहा पानी

Such a fire was not seen before in Nainital... Forests are burning on every road, high alert issued, water being rained from helicopters.
Such a fire was not seen before in Nainital... Forests are burning on every road, high alert issued, water being rained from helicopters.
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नैनीताल: उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग का दायरा बढ़ता जा रहा है। आलम यह है कि टूरिस्टों के लिए अहम नैनीताल चारों तरफ जंगल की आग से घिर गया है। लपटें नैनीताल के रिहाइशी इलाके हाई कोर्ट कॉलोनी और आर्मी एरिया के नजदीक तक पहुंच गईं और हल्द्वानी के साथ कोटद्वार तक बढ़ती जा रही थीं। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सेना की मदद मांगी। वायुसेना के MI-17 हेलिकॉप्टर को आग बुझाने में लगाया गया। जंगलों के धू-धूकर जलने के कारण आसपास के लोग धुएं से बेहाल हैं। लोगों का कहना है कि जैसी आग इस बार दिखी है, वैसी पहले कभी नहीं देखी गई।

क्यों भड़की आग?
लंबे समय से बारिश नहीं होने और मौसम शुष्क रहने से जंगल की घासफूस और सूखी झाड़ियां आग के लिए ईंधन की तरह हैं। चीड़ यानी Pines के जंगल इसमें पेट्रोल का काम कर रहे हैं। यों तो नैनीताल में चार दिनों से जंगलों में आग लगी हुई थी, लेकिन हवाएं तेज चलने से ये और भड़क गई।

कहां-कहां फैली?
नैनीताल जिले के भूमियाधर, ज्योलिकोट, नारायण नगर, भवाली, रामगढ़ और मुक्तेश्वर इलाकों के जंगलों में आग बुरी तरह भड़की, जहां वायुसेना के हेलिकॉप्टर ने पानी की बौछारें छोड़ीं। पहले हेलिकॉप्टर को नैनी झील से पानी लेना था, इसके लिए थोड़ी देर के लिए इस झील में नौकायन रोकना पड़ा, लेकिन बाद में हेलिकॉप्टर ने भीम ताल से पानी लेने का फैसला किया।
आग पर काबू पाने के लिए सभी अधिकारियों को छुट्टियों को रद्द कर दिया गया है। आग लगाने वालों पर कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
पुष्कर सिंह धामी, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री

तीन गिरफ्तार
मुख्यमंत्री धामी ने जंगल की आग से प्रभावित इलाकों का दौरा किया। आग पर काबू पाने के लिए सभी अधिकारियों को छुट्टियों को रद्द कर दिया गया है। आग लगाने वालों पर कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। रुद्रप्रयाग में शुक्रवार को तीन लोगों को जंगल में आग लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।

सबसे प्रभावित इलाके
गढ़वाल मंडल में पौड़ी, रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, टिहरी, देहरादून और कुमाऊं मंडल में नैनीताल के अलावा बागेश्वर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और चंपावत जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।

575 आग लगने की घटनाएं हुईं नवंबर से अब तक उत्तराखंड में
690 हेक्टेयर जंगल प्रभावित हुए इससे, 14 लाख से ज्यादा का नुकसान
31 घटनाएं आग लगने की 24 घंटे में आईं, जिससे 33.34 हेक्टेयर वन प्रभावित