पंजाब में विदेश भेजने और पैसों का लालच देकर युवाओं को फंसा रहे आतंकी, निकलवाते हैं अपना काम

इस खबर को शेयर करें

चंडीगढ़: हाल ही में हरियाणा के करनाल में पकड़े गए 4 खालिस्तानी आतंकवादियों ने पंजाब की चिंता बढ़ा दी है. पंजाब में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए हैंडलर्स गैर सिख नौजवानों को टारगेट कर रहे हैं. इन नौजवानों को विदेशों में सेटल होने और पैसों का लालच दिया जाता है, जिसके बदले में वे आतंकवादियों के हथियारों और विस्फोटक पदार्थों को ठिकाने लगाने का काम करते हैं.

हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट में खुफिया एजेंसियों के हवाले से कहा गया है कि बीते साल से अब तक आतंकी गतिविधियों संलिप्तता के लिए जिन युवकों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें अधिकांश गरीब वित्तीय पृष्ठभूमि वाले गैर-सिख परिवारों से हैं. रिपोर्ट के मुताबिक आंतरिक सुरक्षा शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि गिरफ्तार किए गए ज्यादातर युवक बेरोजगार थे और उन्हें हैंडलर्स ने अपने काम के बदले पैसे देने या विदेश में नौकरी दिलाने का वादा किया गया था.
विज्ञापन

पाकिस्तान में बैठा है मास्टरमाइंड
पठानकोट ग्रेनेड विस्फोट में एसबीएस नगर पुलिस द्वारा पहचाने गए 6 संदिग्धों में पाकिस्तान स्थित अंतरराष्ट्रीय युवा सिख महासंघ (आईवाईएसएफ) के प्रमुख लखबीर सिंह रोडे भी शामिल है. वह इस घटना का मास्टरमाइंड था. इस मामले में गिरफ्तार किए गए 4 अन्य शख्स बेहद गरीब परिवारों से आते हैं. इन संदिग्धों से पूछताछ के दौरान पता चला कि गुरदासपुर के खरल गांव के 30 वर्षीय गुरविंदर सिंह को दुबई में नौकरी देने का झांसा दिया गया था.

नशेड़ी युवाओं को भी किया जा रहा है इस्तेमाल
इसी तरह सीआईए थाने के मामले में लुधियाना के कुलदीप कुमार उर्फ सनी के अलावा मॉड्यूल के बाकी सदस्य सामान्य युवक थे, जिन्हें पिछले साल 7 नवंबर को एसबीएस नगर में ग्रेनेड हमले को अंजाम देने के लिए तैयार किया गया था. जांच में पाया गया कि सनी ने व्यक्तिगत संबंधों या दूर की दोस्ती का इस्तेमाल करके स्थानीय युवाओं को फुसलाया और उनकी भूमिका के अनुसार पैसे आवंटित किए थे.

एसबीएस नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) संदीप शर्मा ने मीडिया को दिए बयान में कहा कि इन लोगों में न तो कोई कट्टरपंथी है और न ही वे खालिस्तान के बारे में ज्यादा जानते हैं. शर्मा ने कहा कि सनी को 15 हजार से 1 लाख रुपए तक देने का का लालच दिया गया था. 19 वर्षीय रमन कुमार नशे का आदी था, उसे आतंकी मॉड्यूल में शामिल होने के लिए मात्र 12 हजार रुपए ही दिए गए थे.