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प्रदेश में सोमवार को मौसम ने करवट बदली और चोटियों पर हिमपात हुआ। हालांकि, वर्षा नहीं हुई और किसान-बागवान मायूस हुए। प्रदेशभर में बादल छाने से तापमान में गिरावट आई है। सोमवार सुबह शिंकुला, रोहतांग व बारालाचा दर्रे में हिमपात हुआ। अभी अटल टनल रोहतांग पर्यटकों के लिए खुली है। कम हिमपात व वर्षा से कृषि और बागवानी प्रभावित होने के साथ होटल उद्योग और पर्यटन से जुड़े सारे कारोबार प्रभावित हुए हैं।
प्रदेश में बुधवार को एक बार फिर मौसम ने करवट बदली और चोटियों पर हिमपात हुआ।
21 फरवरी को पश्चिमी विक्षोभ
सुबह से बादल छाए रहने के बावजूद चोटियों पर हल्का हिमपात हुआ। मौसम विभाग के अनुसार 21 फरवरी को पश्चिमी विक्षोभ का अधिक प्रभाव होगा। इस कारण ऊंचे क्षेत्रों में हिमपात व वर्षा की संभावना है। इसके बाद मौसम साफ रहने का अनुमान है।
प्रदेश में 128 सड़कें यातायात के लिए बंद
अधिकतम तापमान में एक से पांच डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट आई है। इसके बावजूद अधिकतम तापमान सामान्य से तीन से सात डिग्री तक अधिक है। अधिकतम तापमान में सबसे अधिक गिरावट रिकांगपिओ में 4.2 डिग्री दर्ज की गई। इसके बावजूद यह सामान्य से 4.7 डिग्री अधिक है। प्रदेश में अब भी 128 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं, इनमें लाहुल स्पीति में 117, चंबा में पांच, कुल्लू में तीन, कांगड़ा में दो और किन्नौर में एक सड़क बंद है।
सूखे से पेयजल योजनाएं प्रभावित होने का ईएनसी लेंगे जायजा
प्रदेश में हिमपात और वर्षा कम हुई है, इसके परिणामस्वरूप समूचे प्रदेश में एक माह के दौरान पेयजल की समस्या गहराने की आशंका व्यक्त की जा रही है। प्रदेश में जनवरी के बाद वर्षा नहीं हुई है। ऐसे में जल शक्ति विभाग के ईएनसी यानी अभियंता प्रमुख संजय कौल मंगलवार को मुख्य अभियंताओं और एक्सईएन के साथ वीडियो कांफ्रेंस से बैठक करेंगे। बैठक में प्रदेश के विभिन्न भागों में पेयजल की स्थिति पर चर्चा होगी। इसके अतिरिक्त जल स्रोतों को स्वच्छ रखने के लिए निर्देश दिए जाएंगे, ताकि दूषित जल से संक्रमण फैलने की संभावना न रहे। एक अभियान के तहत सभी जल स्त्रोतों को साफ किया जाएगा।