म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों की तादाद में बड़ा उछाल, क्या है इसकी वजह?

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नई दिल्ली। म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों की तादाद लगातार बढ़ रही है। इंडस्ट्री ने मौजूदा वित्त वर्ष 2024-25 के शुरुआती दो महीनों में 81 लाख से अधिक इन्वेस्टर्स जोड़े हैं। इससे जाहिर तौर होता है कि म्यूचुअल फंड पर निवेशकों का भरोसा काफी बढ़ा है। म्यूचुअल फंड को लेकर पहले लोगों के मन में जो खौफ था, वो भी कम हुआ है।

एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के लेटेस्ट डेटा के मुताबिक, मार्च के आखिर में 17.78 करोड़ रजिस्टर्ड म्यूचुअल फंड फोलियो थे। इनकी संख्या मई के अंत में 18.6 करोड़ तक पहुंच गई यानी 81 लाख से अधिक नए फोलियो जुड़े। फोलियो का मतलब निवेशक के म्यूचुअल फंड खाते से है। एक निवेशक के पास कई फोलियो हो सकते हैं।

क्यों बढ़ रहे म्यूचुअल फंड के निवेशक
म्यूचुअल फंड के निवेशकों की तादाद बढ़ने की कई वजहें हैं। फंड हाउसेज ने मार्केटिंग पर फोकस काफी ज्यादा बढ़ाया है। कई मशहूर हस्तियों के जरिए म्यूचुअल फंड का प्रमोशन कराया जा रहा है। इससे लोगों का म्यूचुअल फंड में भरोसा बढ़ा है। खासकर, उन लोगों का, जो अब तक इससे जुड़े जोखिम को लेकर घबराते थे।

स्टॉक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म ट्रेडजिनी के सीओओ त्रिवेश डी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) के बारे में लोगों की धारणा भी बदल रही है। अब FD में म्यूचुअल फंड की तुलना में प्रतिस्पर्धी रिटर्न भी नहीं मिलता। साथ ही, डिजिटलीकरण के चलते म्यूचुअल फंड में निवेश करना भी काफी आसान हो गया है।

म्यूचुअल फंड में जारी रहेगी तेजी?

एक्सपर्ट का मानना है कि म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों की संख्या आगे भी बढ़ती रहेगी। खासकर, स्टॉक मार्केट की मौजूदा तेजी और दमदार मार्केटिंग के चलते। अब म्यूचुअल फंड बेहतर रिस्क मैनेजमेंट भी कर रहे हैं। उनका फोकस इन्वेस्टर को जागरूक करने पर भी बढ़ा है। इन सबका म्यूचुअल फंड के बाजार पर सकारात्मक असर होगा।

अब लोगों की पर कैपिटा इनकम बढ़ रही है। ऐसे में लोग अपनी बचत के लिए लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट स्कीम ढूंढ रहे हैं, जो इंफ्लेशन को मात देने के साथ ही उनकी पूंजी को भी बढ़ाए। अब चूंकि फिक्स्ड डिपॉजिट पर ज्यादा ब्याज नहीं मिलता, तो लोग दूसरे वैकल्पिक रास्ते तलाश रहे हैं। उनके सामने फिलहाल सबसे अच्छा विकल्प म्यूचुअल फंड है, जो लंबी अवधि में अच्छा मुनाफा क्षमता रखता है।

ज्यादातर निवेशक युवा वर्ग से
पिछले कुछ वर्षों में म्यूचुअल फंड फोलियो में उछाल का Zen-Y और Zen-Z निवेशकों ने किया है। Zen-Y को अमूमन मिलेनियल्स भी कहा जाता है। इस कैटेगरी में आम तौर पर 1981 और 1996 के बीच पैदा हुए लोगों को रखा जाता है। वहीं, जेनरेशन जेड या जेनजेड, वे हैं जो 1997 और 2012 के बीच पैदा हुए हैं। अधिकांश नए निवेशक म्यूचुअल फंड सेगमेंट में आने के लिए डिजिटल चैनलों का रास्ता अपना रहे हैं।

कुल मिलाकर, मई 2024 तक यूनीक PAN और PAN-एग्जेम्पशन केवाईसी के लिहाज से निवेशकों की कुल संख्या 4.59 करोड़ थी। कुछ म्यूचुअल फंड ने बाजार सूचकांकों से बेहतर प्रदर्शन किया है, जिससे निवेशक ज्यादा रिटर्न की तलाश में इनकी ओर आकर्षित हुए हैं।