उत्तर प्रदेश में अगले 4-5 दिन तेज बारिश होगी, बिहार-झारखंड में लू के आसार; जानिए मौसम का मिजाज

There will be heavy rains in Uttar Pradesh for the next 4-5 days, chances of heat wave in Bihar-Jharkhand; Know the mood of the weather
There will be heavy rains in Uttar Pradesh for the next 4-5 days, chances of heat wave in Bihar-Jharkhand; Know the mood of the weather
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नई दिल्ली। IMD Latest Weather Updates with Rain and Heat Wave Alert: ग्लोबल वार्मिंग के चलते मौसम खासकर बारिश का पैटर्न लगातार बदल रहा है। कहां, बारिश तो कहीं लू के आसार दिख रहे हैं। मौसम विभाग की ताजा भविष्यवाणी में अगले चार-पांद दिनों तक उत्तर प्रदेश के लोगों को गर्मी से राहत मिल सकती हैं। यहां बारिश का पूर्वानुमान किया गया है। ईरान-इराक में शुरू होकर अफगानिस्तान से होते हुए पाकिस्तान तक पहुंच चुके पश्चिमी विक्षोभ को चक्रवतीय हवा के दवाब का साथ मिलने के कारण उत्तर प्रदेश समेत देश के पश्चिमी हिस्सों के मौसम का मिजाज बदल गया है। वहां, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में मई महीने में लू की चेतावनी भी जारी की गई है।

उत्तर प्रदेश में अप्रैल में ही 40 डिग्री सेल्सियस पार कर चुका पारा 35-36 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया है। मौसम विभाग बता रहा है कि अगले चार-पांच दिनों तक पूरे राज्य में ऐसा ही सुहाना मौसम रहेगा। पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। तीस से 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से धूल भरी आंधी चल सकती है।

पश्चिमी विक्षोभ के कारण राज्य भर का तापमान चार से आठ डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है। पूरे राज्य में शनिवार को बादलों की आवाजाही लगी रही। झांसी, कानपुर, बदायूं, हरदोई, लखीमपुर आदि जिलों में कई स्थानों पर बौछारें भी पड़ीं। लखनऊ में मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश में कहीं भी तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक नहीं रहा। झांसी जैसे गर्म जिले का तापमान तो 31 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। आगरा, अलीगढ़ का तापमान 32 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। आगरा में तो सामान्य से नौ डिग्री सेल्सियस के कम तापमान रहा। ऊरई में भी सामान्य से 7.4 कम यानी 32 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। लखनऊ में दिन का तापमान 34.8 यानी सामान्य से 4.7 डिग्री सेल्सियस कम रिकार्ड किया गया।

मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक अगले चार-पांच दिनों तक रात के तापमान में अधिक बदलाव नहीं आएगा पर दिन में गर्मी से राहत रहेगी। राज्य भर में दिन का तापमान 34 से 36 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई स्थानों पर तापमान 30 डिग्री सेल्सियस तक भी जा सकता है। लखनऊ में तो पहली और दो मई को तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से नीचे जाने की संभावना है।

बिहार-झारखंड में लू चलने के आसार
वहीं, बिहार, झारखंड और ओडिशा समेत पूर्वी भारत के कई हिस्सों में मई में तापमान सामान्य से अधिक रहने और कुछ दिन लू चलने का पूर्वानुमान है। मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह भी जानकारी दी। आईएमडी ने मई के लिए तापमान और बारिश संबंधी मासिक पूर्वानुमान के तहत बताया कि पश्चिमोत्तर और पश्चिम-मध्य भारत के कुछ हिस्सों में रात में मौसम गर्म रहने और दिन में सामान्य से कम तापमान रहने की संभावना है।

पंजाब हरियाणा में होगी बारिश
मौसम विभाग ने बताया कि कि मई में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों सहित देश के पश्चिमोत्तर और पश्चिम-मध्य हिस्सों में सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश होने के आसार हैं। इसके अलावा, पूर्वोत्तर क्षेत्र, केरल, आंध्र प्रदेश और दक्षिण कर्नाटक के कई हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने का अनुमान है।

आईएमडी के अनुसार, मई में 61.4 मिलीमीटर की लंबी अवधि के औसत (एलएपी) की 91-109 प्रतिशत बारिश होने की संभावना है। विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि मई में बिहार, झारखंड, ओडिशा, गांगेय पश्चिम बंगाल, पूर्वी उत्तर प्रदेश, तटीय आंध्र प्रदेश और उत्तरी छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों तथा पूर्वी मध्य प्रदेश, तेलंगाना और तटीय गुजरात के अधिकतर हिस्सों में सामान्य से अधिक गर्म हवाएं चलने का अनुमान है।

उन्होंने कहा कि मई में भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में मौजूद तटस्थ अल नीनो का प्रभाव रहने की संभावना है और मौसम संबंधी अधिकतर मॉडल मई से मानसून के दौरान क्षेत्र के गर्म होने का संकेत दे रहे हैं।

भारत में मानसूनी बारिश पर पड़ता है प्रभाव
ऐसा बताया जाता है कि अल नीनो या भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर के गर्म होने का भारत में मानसूनी बारिश पर प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा, हिंद महासागर में समुद्र की सतह (जिसे हिंद महासागर द्विध्रुव (आईओडी) भी कहते हैं) के तापमान जैसे अन्य कारक भी मौसम को प्रभावित करने के लिए जाने जाते हैं। महापात्र ने कहा कि हिंद महासागर में मौजूद तटस्थ आईओडी संबंधी स्थितियां आगामी मौसम में सकारात्मक होने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि सकारात्मक हिंद महासागर द्विध्रुवीय स्थितियां भारतीय मानसून के पक्ष में और अल नीनो के प्रभाव को कम करने में मदद करने के लिए जानी जाती हैं। इस महीने की शुरुआत में विभाग ने 87 सेंटीमीटर की लंबी अवधि के औसत (एलएपी) की 96 प्रतिशत बारिश होने की संभावना जताई थी।