राजस्थान में इन लोगों को मिलेंगे 5-5 लाख, लेकिन करना होगा यह काम

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जयपुर. अशोक गहलोत सरकार ने राजस्थान में अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देने के लिए शादी करने जा रहे जोड़ों को पांच लाख रुपये दे रही है. इससे पहले सरकार की ओर से पचास हजार दिए जाते थे जिसे कांग्रेस सरकार ने पांच लाख कर दिया. गहलोत सरकार यह राशि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से संचालित डॉ. सविता बेन अंबेडकर अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत दे रही है. इस योजना में राज्य सरकार इस साल इंटर कास्ट शादी करने वाले जोड़ों को करीब 4.5 करोड़ और पिछले साल 33.50 करोड़ रुपये दे चुकी है.

गौरतलब है कि इस योजना में पहले 50 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती थी, जिसे राज्य सरकार ने बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया. इस योजना में राज्य सरकार 3.75 लाख रुपये अपने मदद से देती है और 1.25 लाख रुपये केंद्र सरकार की ओर से दिया जाता है. हालांकि, इस योजना का लाभ सिर्फ उन्हीं जोड़ों को मिल सकता है जिनकी संयुक्त आय मिलाकर भी 2.5 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए.

अंतरजातीय विवाह के मामलों में प्रदेश के ये जिले टॉप

पहले के मुकाबले राजस्थान में प्रदेश में अब लोगों की अंतरजातीय विवाह को लेकर सोच बदल रही है. प्रदेश में अजमेर, कोटा, श्रीगंगानगर, जयपुर और अलवर इस मामले में टॉप पर हैं. वहीं, इसका अंदाजा सरकारी आंकड़ों से लगाया जा सकता है कि 2006-07 में जयपुर में सिर्फ एक अंतरजातीय विवाह हुआ था. जिसका आंकड़ा 2011-12 में 122 और 2013-14 में 267 तक पहुंच गया. वहीं पिछले साल प्रदेश में 431 जोड़ों ने अंतरजातीय विवाह किया और इस साल अभी तक 90 जोड़ों ने विवाह किया.

आधी राशि जीवन-यापन को, आधी की कराई जाती एफडी

योजना के लाभार्थी जोड़े को सरकार 2.5 लाख रुपये उनके खाते में जमा करवाती है, जिससे वो अपने वैवाहिक जीवन की शुरुआत करके जीवन-यापन ढंग से कर सकें और बचे आधे पैसे वो दोनों के ज्वाइंट एकाउंट में जमाकर उसकी 8 साल के लिए एफडी करवा देती है. वहीं, इस योजना का लाभ उन युवक या युवती को मिलता है जो अनुसूचित जाति से होकर किसी सवर्ण वर्ग के युवक या युवती से शादी करते हैं. साथ ही दोनों राजस्थान के मूल निवासी हो और अविवाहित भी हो. तभी योजना का लाभ मिलता है.