![These teachers will be given jobs in Bihar, education department's order created a stir These teachers will be given jobs in Bihar, education department's order created a stir](https://aajkinews.net/wp-content/uploads/2024/05/Screenshot_95-3.jpg)
- BJP के केंद्रीय नेतृत्व ने नीतीश कुमार को लेकर कर दिया साफ; विधानसभा चुनाव में CM चेहरा नीतीश ही - June 25, 2024
- बिहार के बेगूसराय में कपड़ा व्यवसायी का मर्डर, बदमाशों ने गोलियों से भूना - June 25, 2024
- NEET पेपर लीक मामले में एक्शन में CBI, बिहार समेत 4 राज्यों में ताबड़तोड़ गिरफ्तारी - June 25, 2024
बिहार के शिक्षा विभाग में जब से केके पाठक आए हैं, तब से ही यह विभाग सुर्खियों में बना हुआ है. उनके अलग-अलग देश से हड़कंप मचा रहता है. अब ताजा मामला अब औरंगाबाद से सामने आया है. बीपीएसएसी टीआरई-1 और टीआरई-2 के तहत शिक्षक पदों पर बहाल हुए बिहार से बाहर के कैंडिडेट्स की नौकरी खतरे में पड़ गई है. इसको लेकर कार्यालय जिला शिक्षा पदाधिकारी, औरंगाबाद की ओर से सोमवार को एक पत्र जारी किया गया है. यह पत्र पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद आया है.
कार्यालय जिला शिक्षा पदाधिकारी, औरंगाबाद की ओर से जारी में जिले के 10 शिक्षकों को नौकरी से मुक्त करने का निर्देश दिया गया है. इसमें गणित विज्ञान के दो, सामाजिक विज्ञान के तीन, अंग्रेजी के दो, हिंदी और संस्कृत के एक टीचर शामिल हैं. इस लिस्ट में शामिल सभी शिक्षक बिहार से बाहर के हैं.
‘आपकी योग्यता विद्यालय अध्यापक के लिए समुचित नहीं’
जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय की ओर से 20 मई 2024 को जारी पत्र में कहा गया है कि सभी शिक्षकों की नियुक्ति बिहार लोक सेवा आयोग के विज्ञापन संख्या 27/ 2023 के आलोक में हुई है. लेकिन उनके द्वारा उप स्थापित शैक्षणिक प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों से पता चलता है कि उनकी योग्यता विद्यालय अध्यापक के लिए समुचित नहीं है. इसलिए उनकी नियुक्ति रद्द होगी.
शिक्षकों को क्यों है निकालने की तैयारी?
पटना हाईकोर्ट की ओर से एक आदेश में कहा गया है कि बिहार के बाहर के अभ्यर्थियों को शिक्षक पात्रता परीक्षा में 5 फीसदी छूट नहीं मिलेगी. मतलब शिक्षक पात्रता परीक्षा में बिहार से बाहर के उम्मीदवारों को 60 फीसदी अंक (90 नंबर) पाना जरूरी है. इससे कम नंबर पाने वाले शिक्षकों की नियुक्ति रद्द कर दी जाएगी.