इस भारतीय डॉक्टर ने 80 साल पहले किया था अहसान, चीन चुका रहा कर्ज

This Indian doctor did a favor 80 years ago, China is repaying the debt
This Indian doctor did a favor 80 years ago, China is repaying the debt
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Dr Dwarkanath Kotnis China story: भारत-चीन संबंधों में जारी तनाव के बावजूद, बीजिंग ने एक भारतीय डॉ. द्वारकानाथ कोटनिस के साथ अपने जुड़ाव की यादों को नए मुकाम पर पहुंचाने का काम किया है. दरअसल चीन के कई राजनयिकों का मानना है कि डॉक्टर कोटनिस ने दोनों देशों के बीच रिश्‍तों का एक नया अध्‍याय शुरू किया था. इस वजह से बाकी बातें भूलकर चीन, भारत के इस डॉक्टर के आगे सर झुकने को मजबूर हो जाता है. इसी कड़ी में मुंबई स्थिति चीनी काउंसलेट और पुणे बेस्ड एक चाइनीज कंपनी ने डॉ. कोटनिस के होम टाउन सोलापुर के एक स्कूल का कायाकल्प यानी अपग्रेड करने के लिए 50 लाख रुपये से ज्यादा की रकम खर्च की है.

‘डॉक्टर कोटनिस का वो अहसान, जिसका सम्मान करना शी भी नहीं भूलते’

अरुणाचल में भारत पर फुफकारने वाला ‘ड्रैगन’ इस डॉक्टर के आगे सहिष्णु क्यों बन जाता है? ये कहानी बड़ी दिलचस्प है. इसे आज की पीढ़ी को भी जानना चाहिए. दरअसल ये वाकया दूसरे विश्व युद्ध के दौर का यानी करीब 80-85 साल पुराना है. और इस कहानी के नायक हैं डॉक्टर कोटनिस. जिनका जन्म 1910 में सोलापुर में हुआ था. वो एक विद्धान और जानेमाने डॉक्टर थे. लंबे समय से चीन की सत्ता पर काबिज शी जिनपिंग भी डॉक्टर कोटनिस का सम्मान करना नहीं भूलते.

डॉ. कोटनिस 1938 में जापान के हमले के दौरान चीनी सैनिकों की मदद करने चीन गई टीम का हिस्सा थे. उस दौर के गिने चुने बुजुर्गों के मुताबिक वो मेडिकल टीम तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू के अनुरोध पर चीन गई थी. परदेश में उनकी मुलाकात एक चीनी नर्स से हुई. जिससे उन्होंने शादी कर ली. हालांकि, बेहद मेहनती और विकट हालातों में चीनी लोगों की जान बचाते बचाते वो खुद बिस्तर पर पड़ गए और 9 दिसंबर 1942 को उनकी मौत हो गई. चीन उनका वो अहसान आज भी मानता है.

पिछली बरसी पर चीनियों ने यूं दी श्रद्धांजलि

पिछले साल 2022 में डॉ. कोटनिस की 80वीं बरसी पर, चीनी काउंसलेट ने ऐलान किया था कि उस महान शख्सियत का कर्ज़ चुकाने के लिए डॉ. कोटनिस फ्रेंडशिप स्कूल खोला जाएगा, जिन्हें चीन अपना बेटा और दोस्त मानता है. चीनी काउंसलेट के एंबैसडर कोंग जियान-हुआ ने इस कड़ी में यैप इंडिया के सीईओ चेन हुआझु और सोलापुर नगर निगम आयुक्त शीतल तेली उगले के साथ शोलापुर के इस स्कूल का उद्घाटन किया.

बन चुकी है फिल्म

दूसरों की मदद करने की सदियों पुरानी भारतीय परंपरा है. डॉ. कोटनिस की कहानी उसी परंपरा को आगे बढ़ाती है. आपको बताते चलें कि इस डॉक्टर की प्रेम कहानी पर एक फिल्म भी बन चुकी है. महान फिल्म निर्माता वी शांताराम ने ख्वाजा अहमद अब्बास की पटकथा पर आधारित डॉ. कोटनिस की अमर कहानी (1946) में उनकी कहानी को 70mm के पर्दे पर उकेरा था.