बंदर के वायरस का यह स्ट्रेन कोरोना से भी खतरनाक महामारी का रूप ले सकता है, वैज्ञानिकों ने चिंता जताई

This strain of monkey virus can take the form of a dangerous epidemic than corona, scientists expressed concern
This strain of monkey virus can take the form of a dangerous epidemic than corona, scientists expressed concern
इस खबर को शेयर करें

New Monkeypx virus threat global pandemic: पिछले साल 12 मई को लंदन में मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया था, तब से पूरी दुनिया में इस बीमारी को लेकर दहशत मची हुई है. अब तक करीब 20 हजार लोगों को इस बीमारी ने अपनी चपेट में लिया है. अब एक नई आशंका से वैज्ञानिक जगत चिंता में डूब गया है. दरअसल, महामारी वैज्ञानिकों ने वर्तमान वायरस के स्वरूप का स्मॉलपॉक्स के वायरस से तुलना की है. ऐतिहासिक रूप से यह वायरस पिछले 3000 सालों से कई बार खतरनाक महामारी के रूप में दुनिया को परेशान किया है. अब शोधकर्ताओं ने पाया है कि वर्तमान में जो वायरस है उसका स्वरूप पहले के मंकीपॉक्स वायरस के स्वरूप से अलग है और चिंता की बात यह है कि अगर मंकीपॉक्स का यह वायरस उभर गया या इसके स्ट्रेन में परिवर्तन हुआ तो दुनिया को फिर एक खतरनाक महामारी में झोंक देगा. यह महामारी ऐसी ही होगी जैसे कभी स्मॉलपॉक्स और इंफ्लूएंजा वायरस ने दुनिया को तबाह कर दिया था.

20 हजार से ज्यादा लोग मंकीपॉक्स के शिकार
इ कोनोमिक्स टाइम्सके मुताबिक मई 2022 के बाद मंकीपॉक्स का प्रसार बड़ी तेजी से हुआ. अब तक करीब 20 हजार से ज्यादा संक्रमण के मामले यूरोप, अमेरिका, ओसानिया, एशिया और अफ्रीका में पाए गए हैं. तो क्या यह स्मॉलपॉक्स या इंफ्लूएंजा की तरह यह नई महामारी की ओर संकेत कर रहा है? बायोसेफ्टी और हेल्थ पेपर में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि फिलहाल इसके लिए और परीक्षण की जरूरत है लेकिन वर्तमान संदर्भ में इससे वायरस के फीचर में त्वरित परिवर्तन होते हुए देखा जा रहा है. वहीं निकट संपर्क में संक्रमण की दर कई देशों में तेजी से बढ़ी है. वहीं समलैंगिंक लोगों में मंकीपॉक्स के मामले सबसे ज्यादा देखे गए.

अफ्रीकी जानवरों में भी खतरनाक संकेत
कई हितधारकों से विचार-विमर्श के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसका नाम एमपॉक्स (mpox)रखा है. वहीं कुछ देशों में MPXV इसका नाम रखा गया है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक दोनों नाम मंकीपॉक्स के फेज आउट होने तक एक साल के लिए रखे गए हैं. इस बीच यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो के वैज्ञानिकों ने सेल जर्नल में एक रिसर्च प्रकाशित की है जिसमें कहा गया है कि जंगली अफ्रीका प्राइमेट्स जीवों में एक अनजान वायरस होने के पता चला है जिसका संक्रमण होने पर इबोला की तरह लक्षण दिखते हैं. यह वायरस भी मनुष्य के लिए खतरे की घंटी है. इस तरह के वायरस मकाक्यू मंकी के लिए खतरनाक की श्रेणी में पहले ही चिन्हित कर लिया गया है. हालांकि मनुष्य पर इसका क्या असर होगा, इसके बारे में परीक्षण होना बाकी है.